नाश्ते की ब्रेड कितनी स्वास्थ्य के लिए अच्छी है आइये ये जाने
हमारे खाना बिना ब्रेड के अधूरा है। हमारी पसंद के कई व्यंजन बिना ब्रेड के खाये नहीं जा सकते है। आज बाजार में तरह तरह के ब्रेड उपलब्ध जैसे ब्राउन ब्रेड , गार्लिक ब्रेड, होल वीट ब्रेड आदि। ब्रेड बनाने के लिए आटा , थोड़ी चीनी ,यीस्ट , दूध ,आयल और प्रेज़रवेवेटिव का इस्तेमाल किया जाता है। इसके आलावा टेस्ट बढ़ाने के लिए अलग अलग सामग्री का प्रयोग किया जाता है।क्या आप अलग अलग तरह की ब्रेड और उसकी पोषकता के बारे में जानते है ? नहीं तो हम आज आप को अलग अलग प्रकार की ब्रेड और उसकी पोषकता के बारे में बताते है।
वाइट ब्रेड ----- इसको बनाने के लिए मैदा का इस्तेमाल किया जाता है। मैदा बनाते समय आटे के सारे पोषक तत्व हटा लिए जाते है इसलिए मैदा केवल कार्बोहाइड्रेट्स का एक साधन है। यदि आप वाइट ब्रेड खाना ही चाहते है तो इसको अंडे , सब्जियों और फलों आदि के साथ खाये। ब्रेड पर बटर लगा कर नहीं क्योकि इससे आपको सिर्फ एनर्जी मिलेगी पोषण नहीं।
ब्राउन ब्रेड ---- ज्यादातर ब्रेड बनाने वाली कम्पनिंयाँ इस बात का दावा करती है की ब्राउन ब्रेड बनाने के लिए वो आटे का इस्तेमाल करती है पर ऐसा होता नहीं है। ये कम्पनियाँ ब्रेड को ब्राउन करने के लिए कलर या कैरेमल का इस्तेमाल करती है। ये पोषकता में वाइट ब्रेड जैसी होती है। फिर भी यदि आप ब्राउन ब्रेड खरीदना ही चाहते है तो पैक पर इसमें डालने वाली सामग्री देख ले और देख ले की इस पर होल वीट फ्लार लिखा हो।
होल वीट ब्रेड ---- मार्किट में मिलने वाली होल वीट ब्रेड थोडी सेहत के लिए अच्छी होती है क्योकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। ये पचने में आसान होती है पर इस ब्रेड को खरीदने से पहले पैक पर लिखी सामग्री पढ़ ले क्योकि अकसर ये ब्रेड होल वीट की नहीं होती है। आप को अच्छे ब्रांड का इस्तेमाल करना चाहिए।
मल्टीग्रेन ब्रेड -- इस ब्रेड को बंनाने में आटा , रागी , ओट्स , सनफ्लॉवर सीड्स , फ्लैक्स सीड्स आदि होते है। जब भी ब्रेड को ख़रीदे उस पर लिखी सामग्री को अच्छी को अच्छे से देख ले। ज्यादातर सामान पर सामग्री लिखते समय इस्तेमाल में होने वाली सामग्री ऊपर लिखते है और कम इस्तेमाल में होने वाली सामग्री सबसे नीचे लिखी जाती है। मल्टीग्रेन ब्रेड में मैदा या आटा 50 से 60 प्रतिशत होता है।
सैंडविच ब्रेड ---- ये ब्रेड आकार में मोटी और बड़ी होती है ताकि स्टफिंग ज्यादा और अच्छी तरह से होल्ड हो सके। यह मैदा ,आटा ,और मल्टीग्रेन में मिलती है और ज्यादातर इसका प्रयोग होटल ,रेस्टोरेंट आदि में होता है।
फ्रूट ब्रेड ---- इस ब्रेड में वनीला ,पाइनएप्पल आदि फ्रूट्स एस्सेस और टूटीफ्रूटी मिलाई जाती है पर इसमें किसी भी फ्रूट का इस्तेमाल नहीं होता है। ये थोडी से मीठी स्वाद में होती है। कुछ बेकरी पर फ्रूट वाली ब्रेड भी मिलती है।
फ्लेवर्ड ब्रेड ---- ये कई फ्लेवर में मिलती है जैसे गार्लिक ,मशरूम और चीज़ ब्रेड आदि। सबसे ज्यादा बिकने और खाने के लिए पसंद करने वाली गार्लिक ब्रेड है।
पाव /बन --- ये भी एक प्रकार की ब्रेड ही है इसका इस्तेमाल बर्गर ,पाव भाजी ,बड़ा पाव आदि बनाने के लिए इस्तेमाल होता है।
ब्रेड हमारे लिए हानिकारक क्यों है ?--- जब ब्रेड का निर्माण बड़े पैमाने पर होता है तो इसमें सॉफ्ट और फुला बनाने के लिए कुछ केमिकल मिलाये जाते है जैसे पोटैशियम ब्रोमेट ,और पौटेशियम आयोडेट। बहुत सारे देशों में इन केमिकल के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है क्योकि इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जरुरत से ज्यादा इन केमिकल का इस्तेमाल कैंसर जैसी बिमारियों का कारण बनता है।
ब्रेड की कुछ किस्म हानिकारक नहीं है स्वास्थ्य के लिए ----- होल वीट ब्रेड और मल्टीग्रैन ब्रेड कार्बोहैड्रेटेड और विटामिन का अच्छा साधन है यदि ब्रेड नट्स , ओट्स ,सोया आदि से बनी हो तो इससे मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है। जिसका असर ब्लड शुगर और हमारे वजन पर पड़ता है। यदि आप दूसरे प्रकार की ब्रेड भी खा रहे है तो इस बात का ध्यान देना चाहिए की ब्रेड के साथ प्रोटीन और विटामिन्स की चीजे जैसे अंडे , सब्जियां ,फल आदि साथ ले ताकि शरीर में संतुलित पोषण मिल सके।
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