घर के मुख्य दरवाजे के वास्तु नियम जो आपके जीवन में प्रगति को राह देंगे और परेशानियाँ से बचाएंगे।
हमारे घर का मुख्य दरवाजा हमारे जीवन पर बहुत अहम् भूमिका निभाता है क्योकि ये वो स्थान होता है जहाँ से हम बाहर की दुनियां से अपने घर में प्रवेश करते है। घर बनवाते समय की चीजों का ध्यान रखना पड़ता है जिनमे से एक है घर का मुख्य दरवाजा क्योकि घर के मुख्य दरवाजे से ही घर में अच्छे और बुरे लोग प्रवेश करते है साथ ही उनके साथ सकारात्मक और नकारत्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है। घर के इसी जगह से गुड़ लक और खुशियाँ आती है।जानिए घर के मुख्य दरवाजे पर दिशाओं का असर -----
यदि आपके घर का मुख्य दरवाजा सही दिशा यानि उत्तर , उत्तर पूर्व या पश्चिम दिशा में होना मतलब आपके घर में सुख समृद्धि का वास यानि महालक्ष्मी जी का वास होता है।
यदि घर का मुख्य दरवाजा पूर्व दिशा में है तो ये वास्तु के अनुसार शुभ होता है परन्तु मुख्य दरवाजे के सामने कोई अवरोध नहीं होना चाहिए नहीं तो घर के मालिक को कर्ज में डूबने की आशंका होती है।
घर का मुख्य दरवाजा हमेशा उत्तर , उत्तर पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। ये दिशाएँ शुभ होती है।
आग्नये कोण यानि दक्षिण -पूर्व का मध्य भाग में मुख्य दरवाजा बीमारी और गृह कलह कराने वाला होता है। इस तरह का दरवाजा प्रगति रोक देता है। घर के मुखिया की आर्थिक हानि भी करवाता है।
ईशान कोण का मुख्य दरवाजा मतलब उत्तर पूर्व दिशा में दरवाजा शुभ फल तभी देता है जब इस दरवाजे के सामने कोई दोष न हो जैसे कोई रूकावट या छाया आदि।
उत्तर दिशा में बना मुख्य दरवाजा हमेशा शुभ फल देता है घर में अन्य खिड़की और दरवाजे भी अधिकतर इसी दिशा में होने चाहिए ये दरवाजा प्रगति और खुशियाँ लाता है यदि इस दरवाजे पर कोई वास्तु दोष हो तो ये धन हानि और अन्य परेशानियाँ लाता है।
ईशान में दरवाजा भी वास्तु की दृष्टि से बहुत अच्छा माना जाता है ये दरवाजा समृद्धि , उनत्ति और खुशियाँ का खजाना है परन्तु इस दरवाजे पर अन्य कोई वास्तु दोष नहीं होने चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा हमेशा उत्तर , उत्तर पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। ये दिशाएँ शुभ होती है।
आग्नये कोण यानि दक्षिण -पूर्व का मध्य भाग में मुख्य दरवाजा बीमारी और गृह कलह कराने वाला होता है। इस तरह का दरवाजा प्रगति रोक देता है। घर के मुखिया की आर्थिक हानि भी करवाता है।
ईशान कोण का मुख्य दरवाजा मतलब उत्तर पूर्व दिशा में दरवाजा शुभ फल तभी देता है जब इस दरवाजे के सामने कोई दोष न हो जैसे कोई रूकावट या छाया आदि।
उत्तर दिशा में बना मुख्य दरवाजा हमेशा शुभ फल देता है घर में अन्य खिड़की और दरवाजे भी अधिकतर इसी दिशा में होने चाहिए ये दरवाजा प्रगति और खुशियाँ लाता है यदि इस दरवाजे पर कोई वास्तु दोष हो तो ये धन हानि और अन्य परेशानियाँ लाता है।
ईशान में दरवाजा भी वास्तु की दृष्टि से बहुत अच्छा माना जाता है ये दरवाजा समृद्धि , उनत्ति और खुशियाँ का खजाना है परन्तु इस दरवाजे पर अन्य कोई वास्तु दोष नहीं होने चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा बनवाते समय इन बातों का रखे ध्यान ------
घर के मुख्य दरवाजे पर किसी पेड़ , दीवार या किसी अन्य प्रकार की छाया नहीं पड़नी चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा घर के बीच में नहीं होना चाहिए ये घर में कलेश का कारण हो सकता है।
घर के मुख्य दरवाजे पर सजावटी कोई बेल पौधा नहीं होना चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा हमेशा अंदर की तरफ खुलना चाहिए।
घर के मुख्य दरवाजे के सामने कोई सीढ़ी नहीं होनी चाहिए।
घर में सभी दरवाजों की संख्या सम होनी चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा अन्य दरवाजों से बड़ा होना चाहिए।
हमेशा घर में दो प्रवेश करने के दरवाजे होने चाहिए एक छोटा और एक बड़ा।
घर का प्रवेश का दरवाजा एकदम कोने में नहीं होना चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा कभी भी एक पल्ले वाला नहीं होना चाहिए बल्कि दो पल्ले वाला होना चाहिए।
मुख्य दरवाजे के पास कूड़ेदान या टूटा फूटा स्टूल या कुर्सी नहीं रखनी चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा रोड से ऊँचा होना चाहिए।
घर के मुख्य दरवाजे पर कभी भी शीशा न लगाये।
घर के मुख्य दरवाजे पर हरे पौधे सजाये।
घर का मुख्य दरवाजा हमेशा 90 डिग्री में खुलना चाहिए।
ध्यान रखे कि दरवाजों से आवाज न आये इसलिए दरवाजों में नियमित रूप से तेल देते रहे।
घर के मुख्य दरवाजे पर चमकदार नेमप्लेट लगाए। नेम प्लेट जितनी साफ़ और चमकदार होगी उतनी ही नकारत्मक ऊर्जा दूर रहेगी।
यदि घर के बाहर मुख्य दरवाजे पर बंदरवार आदि सजाते है तो इससे घर में नकारत्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
घर के मुख्य दरवाजे पर क्रिस्टल बॉल और लाल फीता बांधने से घर में नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती है।
मुख्य दरवाजे पर गणेश जी की प्रतिमा या मूर्ति और फूल अच्छी ऊर्जा को आमंत्रण देते है तथा नकारत्मक ऊर्जा को रोक देते है।
मुख्य दरवाजे पर यदि लाल रंग के सिंदूर से ॐ ,त्रिशूल या स्वस्तिक बनाये तो घर में सुख और समृद्धि आती है।
घर में सभी दरवाजों की संख्या सम होनी चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा अन्य दरवाजों से बड़ा होना चाहिए।
हमेशा घर में दो प्रवेश करने के दरवाजे होने चाहिए एक छोटा और एक बड़ा।
घर का प्रवेश का दरवाजा एकदम कोने में नहीं होना चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा कभी भी एक पल्ले वाला नहीं होना चाहिए बल्कि दो पल्ले वाला होना चाहिए।
मुख्य दरवाजे के पास कूड़ेदान या टूटा फूटा स्टूल या कुर्सी नहीं रखनी चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा रोड से ऊँचा होना चाहिए।
घर में मुख्य दरवाजे से कोई वास्तु दोष न हो तो करे ये काम ---
घर के मुख्य दरवाजे पर हमेशा चमकदार रोशनी रखे पर लाल रंग की रोशनी न लगाये।घर के मुख्य दरवाजे पर कभी भी शीशा न लगाये।
घर के मुख्य दरवाजे पर हरे पौधे सजाये।
घर का मुख्य दरवाजा हमेशा 90 डिग्री में खुलना चाहिए।
ध्यान रखे कि दरवाजों से आवाज न आये इसलिए दरवाजों में नियमित रूप से तेल देते रहे।
घर के मुख्य दरवाजे पर चमकदार नेमप्लेट लगाए। नेम प्लेट जितनी साफ़ और चमकदार होगी उतनी ही नकारत्मक ऊर्जा दूर रहेगी।
यदि घर के बाहर मुख्य दरवाजे पर बंदरवार आदि सजाते है तो इससे घर में नकारत्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
घर के मुख्य दरवाजे पर क्रिस्टल बॉल और लाल फीता बांधने से घर में नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती है।
मुख्य दरवाजे पर गणेश जी की प्रतिमा या मूर्ति और फूल अच्छी ऊर्जा को आमंत्रण देते है तथा नकारत्मक ऊर्जा को रोक देते है।
मुख्य दरवाजे पर यदि लाल रंग के सिंदूर से ॐ ,त्रिशूल या स्वस्तिक बनाये तो घर में सुख और समृद्धि आती है।
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