हींग मसाला ही नहीं , ये एक आयुर्वेदिक दवा भी है
हींग फेरूला फोइटिस नाम के पौधे का चिकना रस होता है। हींग के पौधे का पत्ते और छाल से दूध जैसा चिकना पदार्थ को इखट्टा करके इसे पत्तों में सूखा लेते है सूखने के बाद ये हींग बन जाता है। हींग का इस्तेमाल हम स्वाद और महक के लिए ही नहीं करते है बल्कि कई ओषधि गुणों के लिए भी करते है। क्या आप जानते है हींग कई परेशानियों को दूर करता है कौन सी परेशानियां है आइये जानते है।पेट दर्द है तो हींग का घोल नाभि के चारों और लगा ले जल्दी आराम आ जायेगा।
गैस की समस्या है तो हींग को गुड़ के पानी के साथ पी ले गैस की समस्या नहीं रहेगी।
अचार के बर्तन को हींग का धुआँ देने के बाद अचार भरे अचार ख़राब नहीं होगा।
यदि कब्ज रहती है तो रात को पानी में थोड़ा सा हींग घोल कर ले। सुबह आपका पेट अच्छी तरह से साफ़ हो जायेगा।
यदि भूख नहीं लगती है तो हींग को भून कर अदरक और मक्खन के साथ खाने से पहले ले। भूख अच्छे से लगेगी।
यदि कांच ,तिनका ,या काटा कुछ चुभ जाये तो हींग का लेप लगाने से काटा या कांच अपने आप निकल जाता है।
कान में दर्द होने पर तिल के तेल में थोड़ा सा हींग गर्म करके कान में डालने से दर्द तुरंत सही हो जाता है।
दांत में कैवेटी या कीड़ा लग गया हो तो हींग रुई में रख कर दांतों के बीच रख कर सो जाये कीड़ा अपने आप निकल जायेगा।
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