कुछ विशेष पकवान जो देवी देवताओं को प्रिये, जिनका लगता है भोग़
हमारे हिन्दू धर्म में अनेकों पकवान बनाने की परंपरा है जो किसी विशेष अवसर पर बनाए जाते है और कुछ विशेष पकवान तो देवी देवताओं को अति प्रिय है और हम इन पकवानों का भोग लगा कर इन देवी देवताओं को प्रसन्न करने की कोशिश करते है बाद में इन्ही भोग को प्रसाद रूप में वितरित किया जाता है। आईये जाने वो कौन कौन से पकवान है।
मालपुआ ---- प्राचीन काल में इन्हे शादी ब्याह पर या किसी खास उत्सव पर बनाया जाता था। ये परंपरा आज भी कायम है। अकसर लोग इन्हे होली या दीपावली के अवसर पर बनाते है। मालपुआ माँ दुर्गा जी को अति प्रिय है और इसका भोग माँ दुर्गा जी को लगाया जाता है।
खीर -- हमारे सनातन भोग में खीर कई तरह से बनाई जाती है जैसे खीर में बादाम , काजू ,मखाने , नारियल , केसर , इलायची डाल कर , चावलों की खीर , साबूदाना खीर , आदि पर चावलों की खीर जिसमे इलायची , नारियल और मेवा डाला होता है और इसे तुलसी के साथ विष्णु भगवान और लक्ष्मी जी को भोग के रूप में अर्पण करते है ये भोग माँ लक्ष्मी जी को अति प्रिय है।
हलुआ -- हलुआ बहुत तरीके से बनाया जाता है जैसे सूजी का हलुआ , दाल का हलुआ , गाजर का हलुआ , आदि पर सूजी का हलुआ हनुमान जी के भोग के लिए बनाया जाता है ये हलुआ हनुमान जी को अति प्रिय है।
लड्डू -- लड्डू बहुत प्रकार के बनते है जैसे बेसन के लड्डू , आटे के लड्डू , बूंदी के लड्डू आदि। बूंदी लड्डू गणेश जी का प्रिये भोग है इसे गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए भोग लगाया जाता है। महाराष्ट्र में मोदक का भोग भी गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए लगाया जाता है।
कढ़ी चावल - कढ़ी चावल का भोग अकसर साई बाबा को लगता है। साई भक्त जगह जगह गुरुवार को कढ़ी चावल का भंडारा लगते है।
रोट या रोठ --- ये आटे और गुड़ से बनी मीठी रोटी होती है। इसका भोग हनुमान जी को लगता है। कई लोगो के यहाँ रोट को होली और दीपावली जैसे बड़े त्योहारों पर भोग लगाया जाता है। कई जगह इस रोट का भोग कुल देवताओं और देवी पर चढ़ता है।
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