Sunday, March 29, 2020

पंचामृत यानि चरणामृत के ये गुण क्या आपको पहले से पता थे ?

पंचामृत यानि चरणामृत के ये गुण क्या आपको पहले से पता थे ?

पंचामृत या चरणामृत ये वो प्रसाद होता हो जो मंदिर का पुजारी आपको मंदिर में भगवान के दर्शन के बाद एक जल के रूप में देता है। know about Panchamrit these five special symbols ये केवल एक  जल  नहीं होता है बल्कि ये  भगवान के चरणों में अर्पण  पाँच चीजों का मिश्रण होता है जो भगवन को अर्पण करने के बाद उनके भक्तों में वितरित कर दिया जाता है। चरणामृत का धार्मिक दृष्टि से तो बहुत लाभ है परन्तु हमारी सेहत पर भी ये आश्चर्यजनक रूप से प्रभाव डालता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार पंचामृत का सेवन करने से एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है जो हमारे हमारे अंदर सकारात्मक  भावना और सकारात्मक विचार उत्पन करती है। पंचामृत पांच प्रकार के अमृत यानि पांच ऐसे पदार्थो से मिलकर बना है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से हमें बहुत लाभ देते है।
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दूध ----- हमारे शास्त्रों में दूध को सबसे पवित्र माना गया है। इसकी पवित्रता के कारण देवताओं का स्नान भी दूध से होता है। जब हम संसार में शुद्धता की बात करते है तो दूध का नाम सबसे पहले आता है। पंचामृत में दूध वो भी  गाय के दूध का इस्तेमाल होता है। गाय का दूध सबसे अच्छा शुद्ध ,गुणकारी माना गया है। पंचामृत में दूध का इस्तेमाल करने का मतलब होता है कि हमारा जीवन भी दूध की तरह चमकता रहे उसपर कोई कलंक न हो।
How to Make Thick Curd or Dahi at Home Easy Tipsदही ----- पंचामृत में दूसरा अमृत यानि दही का इस्तेमाल होता है।  जैसे दही के बैक्टीरिया दूध को दही में बदल देता है वैसे ही हम अपने जीवन को निष्कलंक बनके सद्गुण अपनाये और दूसरों को भी अपने जैसा बना दे। दही का उपयोग हम सभी शुभ कार्यों में करते है। दही एक प्रकार का सुपरफूड माना गया है क्योकि दही में सभी पौष्टिक गुण होते है साथ ही खाने में हलकी यानि सुपाच्य होती है।  दही हमारे लिए एक अमृत के समान है।
Is Ghee Healthy and How to You Eat It? | Shapeघी ------ पंचामृत में इस्तेमाल होने वाला तीसरा अमृत यानि घी।  घी हमारे जीवन में प्रेम और समर्पण का प्रतीक है हमारे सम्पूर्ण जीवन प्रेम और समर्पण पर चलता है।  हमारे आयुर्वेद में घी को अमूल्य बताया गया है यदि घी गाय के दूध से बना हो तो बहुत ही उत्तम होता है। गाय के घी का दीपक हम देवताओं की पूजा के समय जलाते है। गाय के दूध से बना घी को ही शुद्ध माना गया है। गाय के दूध से बना घी कई स्वास्थ्य लाभ देता है इसके इस्तेमाल से हमारे आँखों की रौशनी बढ़ती है।  ये शरीर को बलवान  तो बनता ही है कई आयुर्वेद उपचार में भी इस्तेमाल होता है।
shhad-ke-sehat-wale - Grihshobhaशहद ----- पंचामृत में चौथा अमृत यानि शहद का इतेमाल होता है। शहद मीठा होने के साथ शक्ति प्रदान करता है। शहद का इस्तेमाल करने का मतलब हमे दुर्बल से शक्तिशाली होना है क्योकि दुर्बल हर कार्य में अयोग्य होता है। पूर्ण योग्यता प्राप्त करने के लिए शक्तिशाली होना जरुरी है।  शहद का सेवन हमारे देवताओं को भी बहुत प्रिये है। शहद का इस्तेमाल हमें अनेकों फायदे देता है। शहद एक ऐसा पदार्थ है जो कभी खराब नहीं होता है। शहद का इस्तेमाल कई बिमारियों को दूर करने ,सौन्दर्य लाभ और कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल होता है।
Shakkar vs chini(sugar) #sugar #health - YouTubeशक्कर ----- पंचामृत का पांचवा अमृत यानि शक़्कर का इस्तेमाल इसका मतलब होता है हमारे जीवन में मिठास हो। इससे हमारे स्वाभाव मीठा होता  है।  हमारी सेहत के लिए अच्छा माना गया है। ये शक़्कर गुड़ से बनती है। शक्कर की जगह देशी खांड या मिश्री जो की चीनी से ज्यादा गुणकारी मानी जाती है। का इस्तेमाल किया जाता है। मिठास को ख़ुशी ,उल्लास ,प्रेम और सद्धभावना का प्रतीक माना जाता है इन  बिना मिठास के हमारा जीवन अधूरा है।
किडनी के लिए रामबाण है तुलसी | News Track ...तुलसी ------ पंचामृत में एक और पदार्थ का इस्तेमाल होता है जिसके बिना देवता भी कोई वास्तु ग्रहण नहीं करते है वो है तुलसीदल यानि तुलसी की पत्तियाँ। पंचामृत में तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल इसको सुपरपॉवरफ़ुल बना देता है। तुलसी के अनेकों ऐसे गुण है जिसके कारण इसका इस्तेमाल पूजा से लेकर बिमारियों को दूर भागने के लिए किया जाता है। रोज तुलसी का इस्तेमाल हमें अनेकों बिमारियों और शारीरिक विकारों से दूर रखता है।
घर में रखा है गंगाजल तो जरुर ध्यान ...गंगाजल ----- पंचामृत बनाने के बाद उसमे गंगाजल डाला जाता है गंगाजल अपनी शुद्धता और पवित्रता को बनाये रखता है। गंगा जल में जड़ीबूटी और आयुर्वेदिक दोनों ही गुण होते है  जो इस बात का प्रतीक है व्यक्ति को प्रेम और करुणा का गुण होना चाहिए।

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