ये महिलायें जिन्होंने अपना नाम पहला भारत में पहला होने का कहलाया जिन पर देश को नाज है।
नारी का चाहे कोई भी रूप हो उसके बिना ये दुनिया अधूरी है। कही नारी लाल कपड़ों में लिपटी ,माथे पर सिंदूर हाथों में सिंदूर ,पैरों में पायल सजा पुरुष जीवन पर सब कुछ लुटाती हुई नजर आती है कहीं संधर्षों से दिन रात लड़ती हुई नजर आती है। नारी का चाहे कोई भी रूप हो हमेशा त्याग ,और बलिदान ,समर्पण की कहानी कहता है। नारी में दुर्गा के नौ रूप समाय हुए है। नारी दिवस पर आपको भी कुछ महान नारियों का परिचय करते है जिन्होंने अपना पूरा जीवन संघर्ष करके ऊंचाइयों को छुआ और उनका नाम देश के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिख गया। देश की पहली महिला डॉक्टर आंनदी बाई जोशी ------ इनका जन्म 1865 में हुआ ये जब की बात है जब महिलाओं की शिक्षा को अपराध माना जाता था उस दौर में विदेश में जाकर डॉक्टर की डिग्री ले कर भारत की सबसे पहली महिला डॉक्टर बनी इनकी शादी नौ साल की उम्र में अपने से 20 साल बड़े आदमी से हुई। 14 साल की उम्र में ये माँ बनी पर 10 दिनों बाद ही इनका बच्चा नहीं रहा इस सदमे को न सह सकी और उन्होंने डॉक्टर बनने की ठानी। इस काम में इनके पति ने भी इनका भरपूर साथ दिया।
पहली महिला सेना में प्रिया झिंगन ------ ये पहली महिला भारतीय सेना में अफसर बनी। इनकी रहा आसान नहीं थी अनेकों मुश्किलों को पार करके ये पहली महिला अफसर बनी। इन्होने उस समय सेना में अफसर बनने का सपना देखा जिस समय भारतीय सेना में महिलाओं को सेना में मनाही थी फिर भी इन्होने भारतीय सेना में जाने का सोचा और इस सपने को पूरा कर के भी दिखाया।
इंडियन एयरफोर्स की पहली महिला पायलट भावना कांत ---- ये भारत की पहली महिला लड़ाकू विमान की पायलट बनी है इन्होने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है और अब ये अकेले लड़ाकू विमान उड़ने को तैयार है। फ्लाइट लेफ्टिनेंट मिग २१ बाइसन की पायलट है जो सबसे तेज लड़ाकू विमानों में से एक है।
माउंट एवेरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला बछेंद्री पाल ---- इनका नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। भारह सरकार ने इन्हे चौथे उच्तम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया है।
पहली अपांग महिला जिन्होंने एवेरेस्ट की चोटी पहुँची ,अरुणिमा सिन्हा ----- इन्होने माउंटट्रेनीर बछेंद्री पाल से फॉर्मल ट्रेनिंग ली कृत्रिम पैर से एवरेस्ट की दुर्गम चढ़ाई करके इन्होने साबित कर दिया की अपंगता किसी के इरादों को तोड़ नहीं सकती। 2015 में इनको पद्मश्री से नवाजा गया।
पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला -- मार्च 1995 को नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल हुई ये भारत की अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली पहली महिला और दूसरी यात्री थी जिन्होंने अंतरिक्ष में यात्रा की पर दुर्भाग्य से यात्रा के दौरान इनका अंतरिक्ष यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमे इनकी मृत्यु हो गयी थी।
पहली महिला विदेश मंत्री सुषमा स्वराज --- 26 मई 2014 में ये पहली महिला विदेश मंत्री बनी। इन्होने कई विदेशी मसलों को बड़ी ही जिंदादिली से हल किया। ये सबसे लोकप्रिय विदेश मंत्री रही। इससे पहले इंदिरा गांधी जी भी विदेश मंत्री रह चुकी है परन्तु इंदिरा जी ने प्रधानमंत्री पद के साथ विदेश मंत्री का पद संभाला था।
भारत की पहली मिस यूनीवर्स सुष्मिता सेन ---- भारत की पहली मिस यूनीवर्स सुष्मिता सेन को 21 मई १९९४ को मिस यूनीवर्स से नवाजा गया। इन्होने अपनी खूबसूरती और इंटेलिजेंस के दम पर ये ख़िताब पाया। इन्होने शादी नहीं की है पर तीन बच्चियों को गोद लेकर उनका ललन पालन किया है।
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