Sunday, March 8, 2020

महिला दिवस पर महिलायें ले खुद से एक वादा नहीं जियेगी वो समझौतों के साथ

महिला दिवस पर महिलायें ले खुद  से एक वादा नहीं जियेगी वो समझौतों के साथ 
हर साल महिला दिवस आता है  लोग सिर्फ एक दूसरे को अच्छे अच्छे मैसेज देते है या कुछ जगहों पर कार्यकर्मो का आयोजन होता है और फिर बात ख़तम। क्या हुआ महिला दिवस के आयोजन का ? हम महिलाओं के जिंदगी में क्या फर्क आया ? कुछ नहीं।  कुछ नहीं बदलेगा जब तक हम नहीं चाहेंगे क्योकि  बदलाव करवाने से पहले बदलाव हमे अपने अंदर लाना होगा।Image result for mahila ki dress हमे क्या पहनना है ,क्या खाना है किससे  दोस्ती रखनी है आदि बाते ये फैसला केवल आप का है इसमें किसी और की राय  नहीं मान्य रखती है।  आज महिला दिवस के अवसर पर एक चाय की कप के साथ ये लाइने जोर जोर से पढ़े यकीन  मानना आपके अंदर आत्मविश्वास बढ़ जायेगा।
मैं  जैसी दिखती हूँ ,वैसी ही हूँ।  मैं  अपने आप को ऐसे ही अच्छी लगती हूँ। मुझे किसी के लिए नहीं बदलना नहीं है।
Image result for mahio ki dostiयदि मेरी पसंद की कोई ड्रेस है तो मुझे उस ड्रेस के लिए अपना रंग , रूप , शरीर का आकार नहीं बदलना। मुझे अपनी सोचे फैशन में क्या चल रहा है ? पर नहीं सोचना। मुझे जो अच्छा लगता  है मै वही पहनूँगी।
मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता की मेरे दोस्त शादीशुदा है या कुँआरे या तलाकशुदा, मै  अपनी कोई भी राय  इन आधार पर नहीं बनाऊँगी। मेरे दोस्त यदि मुझे समझते है और हर परिस्थिति में मेरा साथ देते है तो वो अच्छे है।
मैं अपने रिश्ते अपने परिवार वालों  के साथ और अपने मित्रों साथ  खुद बनाउंगी इसपर मेरे परिवार वाले मुझ पर अपनी मर्जी नहीं थोप सकेंगे।
Image result for mahio ki dosti  मैं अपना बच्चा कब चाहती हूँ ये निर्णय मेरा है इसपर मैं किसी से बात नहीं करना चाहती हूँ या किससे बात करू ये मेरा निर्णय है।
मै  कितना कमाती  हूँ और अपनी कमाई का क्या करती हूँ ये मेरा निजी विषय है दुसरो को इस बारे में बोलने का कोई हक़ नहीं।
मैं अपनी नजर में सफल होना चाहती सबसे पहले चाहे घर में हो या करियर में।
मैं अपनी खुशियों का खुद ही हिसाब किताब नहीं रखती हूँ कभी कभी मुझे रोना भी अच्छा लग सकता है।
मैं अपने परिवार और आसपास की स्त्रियों को गर्व से देखती हूँ और अपने आप को सबसे पहले।




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