Wednesday, March 11, 2020

क्या आप को पता है होटल और रेस्ट्रोरेंट्स में फिंगर बाउल खाना खाने के बाद क्यों दिया जाता है?

क्या आप को पता है होटल और रेस्ट्रोरेंट्स में फिंगर बाउल खाना खाने के बाद  क्यों दिया जाता है?
Image result for finger bowlजब आप किसी रेस्ट्रोरेंट्स में जाते है तो वहाँ  खाना खाने के बाद आप को फिंगर बाउल दिया जाता है जिसमे गुनगुना पानी और नींबू के टुकड़े होते है जिससे आप अपने हाथ साफ़ करते हो फिर टिशू से हाथ पोछते हो  क्या आपने ये कभी सोचा है ऐसा क्यों किया जाता है। नहीं जानते तो आज हम आपको बताते है दरसल इसके पीछे पुरानी  प्रथा  है जब किसी  को मीठा खाने के लिए दिया जाता था तो मीठा खाने से  उसके  हाथ चिपचिपे हो जाते थे ,चिपचिपे हाथों से कही कपड़ें या अन्य सामान खराब न हो जाये इसके लिए पानी का कटोरा दिया जाता था ताकि मीठा खाने से जो हाथ चिपचिपे  हो गए थे उनको साफ़ कर लिया जाए। उसे प्रथा  को अपनाते हुए होटल और रेस्ट्रोरेंट्स में फिंगर बाउल दिया जाता है।
Image result for finger bowlनींबू  के टुकड़ें वाला फिंगर बाउल क्यों ? अब आपके मन में दूसरा सवाल आया होगा की फिंगर बाउल में नीबू के टुकड़े ही क्यों होते है ? फिंगर बाउल में नीबू के टुकड़े डालने से मतलब है कि  नीबू में एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण  होते है। ये खाना खाने के बाद आपके हाथों को कीटाणुरहित और दुर्गन्ध को ख़तम करता है। नीबू का एसिड हाथों में तेल और सब्जी के निशानों को खतम करता है। इससे हाथ दुर्गन्ध रहित खुशबूदार हो जाते है।
फिंगर बाउल इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है ? अकसर  लोग फिंगर बाउल में अपनी उँगलियों को डुबोने की जगह अपना पूरा हाथ डुबो कर नीबू को निचोड़ कर हाथ साफ़ करते है और नीबू के छिलके को रगड़ कर अपनी उँगलियाँ साफ करते है जो टेबल एटिकेट्स के खिलाफ है। सही तरीका है कि  फिंगर बाउल में आपको सिर्फ अपनी उँगलियों  को बगैर नीबू को छुए   डुबोकर टिशू से साफ करना होता है। Image result for finger bowl
हमारी भारतीय परंपरा के अनुसार खाना खाने के बाद हाथों को बर्तनों में धोना मतलब लक्ष्मी का अपमान है क्योकि हम भारतीय बर्तनों को लक्ष्मी का रूप मानते है। अब कई रेस्ट्रोरेंट्स और होटल में फिंगर बाउल की जगह टिशू और गीले खुशबूदार तौलिये दिये  जाते है हाथ साफ करने के लिए। 

No comments:

Post a Comment

Blog Archive