क्या आप को पता है होटल और रेस्ट्रोरेंट्स में फिंगर बाउल खाना खाने के बाद क्यों दिया जाता है?
जब आप किसी रेस्ट्रोरेंट्स में जाते है तो वहाँ खाना खाने के बाद आप को फिंगर बाउल दिया जाता है जिसमे गुनगुना पानी और नींबू के टुकड़े होते है जिससे आप अपने हाथ साफ़ करते हो फिर टिशू से हाथ पोछते हो क्या आपने ये कभी सोचा है ऐसा क्यों किया जाता है। नहीं जानते तो आज हम आपको बताते है दरसल इसके पीछे पुरानी प्रथा है जब किसी को मीठा खाने के लिए दिया जाता था तो मीठा खाने से उसके हाथ चिपचिपे हो जाते थे ,चिपचिपे हाथों से कही कपड़ें या अन्य सामान खराब न हो जाये इसके लिए पानी का कटोरा दिया जाता था ताकि मीठा खाने से जो हाथ चिपचिपे हो गए थे उनको साफ़ कर लिया जाए। उसे प्रथा को अपनाते हुए होटल और रेस्ट्रोरेंट्स में फिंगर बाउल दिया जाता है।नींबू के टुकड़ें वाला फिंगर बाउल क्यों ? अब आपके मन में दूसरा सवाल आया होगा की फिंगर बाउल में नीबू के टुकड़े ही क्यों होते है ? फिंगर बाउल में नीबू के टुकड़े डालने से मतलब है कि नीबू में एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते है। ये खाना खाने के बाद आपके हाथों को कीटाणुरहित और दुर्गन्ध को ख़तम करता है। नीबू का एसिड हाथों में तेल और सब्जी के निशानों को खतम करता है। इससे हाथ दुर्गन्ध रहित खुशबूदार हो जाते है।
फिंगर बाउल इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है ? अकसर लोग फिंगर बाउल में अपनी उँगलियों को डुबोने की जगह अपना पूरा हाथ डुबो कर नीबू को निचोड़ कर हाथ साफ़ करते है और नीबू के छिलके को रगड़ कर अपनी उँगलियाँ साफ करते है जो टेबल एटिकेट्स के खिलाफ है। सही तरीका है कि फिंगर बाउल में आपको सिर्फ अपनी उँगलियों को बगैर नीबू को छुए डुबोकर टिशू से साफ करना होता है।
हमारी भारतीय परंपरा के अनुसार खाना खाने के बाद हाथों को बर्तनों में धोना मतलब लक्ष्मी का अपमान है क्योकि हम भारतीय बर्तनों को लक्ष्मी का रूप मानते है। अब कई रेस्ट्रोरेंट्स और होटल में फिंगर बाउल की जगह टिशू और गीले खुशबूदार तौलिये दिये जाते है हाथ साफ करने के लिए।
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