चाय, हमारी दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा कितना लाभकारी और कितना हानिकारक जानिए चाय के बारे में पूरी जानकारी
चाय पीना हमारी दिनचर्या का एक अहम् हिस्सा है।आपका मूड ख़राब है तो चाय आपका मूड अच्छा कर देती है। अधिकतर लोगों का दिन ही चाय के कप के साथ होता है। दुनिया में आप चाहे कही भी चले जाओं चाय एक ऐसा पेय है हो हर जगह मिलता है और इसके बिना आपकी मेहमाननवाज़ी भी अधूरी सी है। जब चाय ही हमारे लिए इतनी खास है तो हम इसके बारे में कुछ रोचक जानकारियाँ बताते है।
चाय का चलन ----- चाय का चलन कब से हुआ इस बात का तो पता नहीं है परन्तु इसके पीछे एक कहानी लोगों की जुबान पर है। बात उन दिनों की थी जब चीन देश के राजा शैन नुंग के गर्म पानी के कप में कुछ पत्तियाँ उड़ कर कप में गिर गयी जिससे पानी का रंग बदल गया और गर्म पानी में से एक महक आने लगी। जब इस पानी को पिया गया तो इसका स्वाद राजा को बहुत पसंद आया इसके बाद ये पेय चाय के नाम से पिया जाने लगा।
भारत में चाय का उत्पादन ------ बात साल 1815 की है जब अंग्रेज यात्रियों का ध्यान असम में कुछ झाड़ियों पर गया जिसे वहाँ के लोग पेय बनाकर पीते थे। 1834 में भारत के गवर्नर जर्नल लॉर्ड बैटिक ने ऐसे क्षेत्रों की खोज करवाई जहाँ चाय का उत्त्पादन हो सकता था। साल 1835 में चाय के बागान लगा कर उत्पादन शुरू किया गया और तब से हमारे देश में चाय का उत्पादन शुरू हुआ।
चाय में पाए जाने वाले तत्व ----- चाय में कई प्रकार के तत्व पाए जाते है।
कैफीन ---- चाय में पाया जाने वाला तत्व कैफीन शरीर में चुस्ती फुर्ती लाता है परन्तु ये ही तत्व चाय की लत को लगता है। जिन लोगों को इसकी लत लग जाती है यदि उनको चाय न मिले तो उनको सिरदर्द और कमजोरी महसूस होती है।
टेनिन ----- टेनिन के कारण ही हम चाय पीकर ताजगी का अनुभव करते है लेकिन यदि कुछ समय के बाद चाय न मिले तो हम थका थका सा महसूस करते है। टेनिन ही हमारे पाचनतंत्र पर बुरा असर डालता है।
एमिनो एसिड्स ------ चाय में एल थिएनाइन एमिनो नाम का एसिड दिमाग को शांत और अलर्ट रखता है।
फ्लोराइड ----- चाय में पाया जाने वाला फ्लोरिड नाम का तत्व हड्डियों को कमजोर करता है यदि ज्यादा मात्रा में चाय का सेवन किया जाये।
टेनिन ----- टेनिन के कारण ही हम चाय पीकर ताजगी का अनुभव करते है लेकिन यदि कुछ समय के बाद चाय न मिले तो हम थका थका सा महसूस करते है। टेनिन ही हमारे पाचनतंत्र पर बुरा असर डालता है।
एमिनो एसिड्स ------ चाय में एल थिएनाइन एमिनो नाम का एसिड दिमाग को शांत और अलर्ट रखता है।
फ्लोराइड ----- चाय में पाया जाने वाला फ्लोरिड नाम का तत्व हड्डियों को कमजोर करता है यदि ज्यादा मात्रा में चाय का सेवन किया जाये।
फायटोकेमिकल्स ---- ज्यादा चाय का सेवन करने पर इसी तत्व से नींद न आने की बीमारी हो जाती है।
आक्सलेट्स ---- ये तत्व यदि ज्यादा हो जाये यानि ज्यादा चाय का सेवन किया जाये तो स्टोन की परेशानी हो सकती है।
चाय के फायदे ----- चाय पीने के अनेकों फायदे है ये कैफीन और टेनिन से भरपूर होते है जिससे चुस्ती फुर्ती का अहसास होता है।
चाय में जो एमिनो एसिड पाए जाते है वो दिमाग को शांत और अलर्ट रखता है।
चाय में पाया जाने वाला एंटीजेन नाम का तत्व एक तरह का एन्टीबैक्टीरयल होता है।
चाय के एन्टीऑक्ससिडेंट्स अनेकों बीमारियों से बचाते है और जल्दी बूढ़ा नहीं होने देते है।
चाय में पाया जानेवाला फ्लोरिड तत्व हड्डियों को मजबूत करता है और दांतों में जल्दी कीड़ा नहीं लगने देता है।
चाय की विषय में मजेदार बातें -------
* 15 दिसम्बर को इंटरनेशनल टी डे मनाया जाता है।
* चाय अफगानिस्तान और ईरान का राष्ट्रीय पेय है।
* चाय ही केवल एक ऐसा पेय है जो दुनिया में सबसे ज्यादा पिया जाता है।
* भारत में 1835 से चाय पीने की शुरुवात हुई।
* चाय ही एक ऐसा पेय है जो लोग ठंडा और गर्म दोनों ही तरह से लेते है।
* तुर्की में एक व्यक्ति हर रोज 15 कप चाय पी लेता है।
* ब्लैक टी की सबसे ज्यादा खपत भारत में है।
चाय की वैराइटी ----- चाय दो तरह की होती है सीटीसी या प्रोसेस्ड टी और ग्रीन टी
सीटीसी टी ( काली चाय ) ---- इसको बहुत से ब्रांड्स बेचते है ये दानेदार होती है। ये वही चाय होती है जो हम लोग अपने घरों में पीते है। इसको बनाने के लिए बागान से पत्तियों को लाकर कर्ल किया जाता है फिर इनको सूखा कर दानों में बदल देते है इससे चाय की स्वाद में बदलाव आता है ये पहले से ज्यादा महकती है और स्वाद में निखरती है। इसे दूध और चीनी के साथ पिया जाता है। कुछ लोग इसे बिना दूध और चीनी के पीते है जो बहुत ही फायदेमंद होती है।
ग्रीन टी ----- इस चाय को प्रोसेस्ड नहीं किया जाता है। ग्रीन टी को कच्ची पत्तियों को सुखाकर बनती है। ग्रीन टी को सीधे ही पत्तियों को तोड़ कर बनाया जाता है इसलिए ग्रीन टी में काली टी से ज्यादा एन्टीऑक्ससिडेंट होते है। इसे बिना दूध और चीनी के पीया जाता है।
हर्बल टी ---- जब ग्रीन टी में कुछ जड़ीबूटियां जैसे अश्वगंधा ,तुलसी , इलायची , दालचीनी आदि मिला दिया जाता है है तो ये हर्बल टी बन जाती है। इस चाय का इस्तेमाल लोग आयुर्वेदिक इस्तेमाल जैसे सर्दी खांसी आदि के लिए करते है। इसे बिना दूध और चीनी के पीया जाता है।
ऑर्गेनिक टी ---- इस टी में किसी भी तरह का कोई केमिकल नहीं मिलाया जाता है। ये स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी होती है।
वाइट टी ------ इस टी को कम प्रोस्सेड करते है। स्वाद में ये हलकी मीठी होती है। इस टी में कम कैफीन और ज्यादा एन्टीऑक्ससिडेंट होते है।
ब्लैक टी ------- इससे बिना दूध और चीनी के पिया जाता है। ये टी बहुत ही फायदेमंद होती है।
लेमन टी ------ इसे नींबू के रस के साथ पिया जाता है। इस तरह की चाय पीने से चाय के जो एन्टीऑक्ससिडेंट शरीर को नहीं मिल पाते है वो नीबू की रस के साथ शरीर को मिल जाते है।
इंस्टेंट टी ----- ये टी टी बैग्स में मिलती है। टी बैग्स को गर्म पानी में डाल कर तुरंत तैयार कर लिया जाता है ये टी बहुत फायदेमंद है। टी बैग्स में टैनिक एसिड होता है जो नेचुरल एस्ट्रिजेंट होता है। इसके एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण इसे कॉस्मेटिक इस्तेमाल में भी करते है।
चाय से होने वाले नुकसान ---- चाय सेहत के लिए अच्छी होती है यदि इसका इस्तेमाल सही तरह से किया जाये। चाय को एक दिन में तीन कप से ज्यादा लेना नुकसानकारक होता है।
ज्यादा चाय पीने से ज्यादा यूरिन आता है जिसके कारण शरीर से कई तरह के मिनरल्स निकल जाते है जैसे कैल्शियम ,पोटेशियम आदि।
ज्यादा चाय का सेवन किडनी में स्टोन का भी कारण हो सकता है।
चाय बनाने के बाद उसका सेवन तुरंत कर लेना चाहिए नहीं तो पाचनतंत्र ख़राब हो सकता है।
ज्यादा चाय का सेवन शरीर में आयरन ऑब्जर्व करने के क्षमता को कम कर देता है।
ज्यादा चाय पीने से दांत पीले और बदरंग हो जाते है।
ज्यादा चाय पीने से दिल की बीमारी , मोटापा , अनिंद्रा जैसी बीमारी हो सकती है।
ज्यादा चाय ब्रेन की पावर कम कर देती है।
आक्सलेट्स ---- ये तत्व यदि ज्यादा हो जाये यानि ज्यादा चाय का सेवन किया जाये तो स्टोन की परेशानी हो सकती है।
चाय के फायदे ----- चाय पीने के अनेकों फायदे है ये कैफीन और टेनिन से भरपूर होते है जिससे चुस्ती फुर्ती का अहसास होता है।
चाय में जो एमिनो एसिड पाए जाते है वो दिमाग को शांत और अलर्ट रखता है।
चाय में पाया जाने वाला एंटीजेन नाम का तत्व एक तरह का एन्टीबैक्टीरयल होता है।
चाय के एन्टीऑक्ससिडेंट्स अनेकों बीमारियों से बचाते है और जल्दी बूढ़ा नहीं होने देते है।
चाय में पाया जानेवाला फ्लोरिड तत्व हड्डियों को मजबूत करता है और दांतों में जल्दी कीड़ा नहीं लगने देता है।
चाय की विषय में मजेदार बातें -------
* 15 दिसम्बर को इंटरनेशनल टी डे मनाया जाता है।
* चाय अफगानिस्तान और ईरान का राष्ट्रीय पेय है।
* चाय ही केवल एक ऐसा पेय है जो दुनिया में सबसे ज्यादा पिया जाता है।
* भारत में 1835 से चाय पीने की शुरुवात हुई।
* चाय ही एक ऐसा पेय है जो लोग ठंडा और गर्म दोनों ही तरह से लेते है।
* तुर्की में एक व्यक्ति हर रोज 15 कप चाय पी लेता है।
* ब्लैक टी की सबसे ज्यादा खपत भारत में है।
चाय की वैराइटी ----- चाय दो तरह की होती है सीटीसी या प्रोसेस्ड टी और ग्रीन टी
सीटीसी टी ( काली चाय ) ---- इसको बहुत से ब्रांड्स बेचते है ये दानेदार होती है। ये वही चाय होती है जो हम लोग अपने घरों में पीते है। इसको बनाने के लिए बागान से पत्तियों को लाकर कर्ल किया जाता है फिर इनको सूखा कर दानों में बदल देते है इससे चाय की स्वाद में बदलाव आता है ये पहले से ज्यादा महकती है और स्वाद में निखरती है। इसे दूध और चीनी के साथ पिया जाता है। कुछ लोग इसे बिना दूध और चीनी के पीते है जो बहुत ही फायदेमंद होती है।
ग्रीन टी ----- इस चाय को प्रोसेस्ड नहीं किया जाता है। ग्रीन टी को कच्ची पत्तियों को सुखाकर बनती है। ग्रीन टी को सीधे ही पत्तियों को तोड़ कर बनाया जाता है इसलिए ग्रीन टी में काली टी से ज्यादा एन्टीऑक्ससिडेंट होते है। इसे बिना दूध और चीनी के पीया जाता है।
हर्बल टी ---- जब ग्रीन टी में कुछ जड़ीबूटियां जैसे अश्वगंधा ,तुलसी , इलायची , दालचीनी आदि मिला दिया जाता है है तो ये हर्बल टी बन जाती है। इस चाय का इस्तेमाल लोग आयुर्वेदिक इस्तेमाल जैसे सर्दी खांसी आदि के लिए करते है। इसे बिना दूध और चीनी के पीया जाता है।
ऑर्गेनिक टी ---- इस टी में किसी भी तरह का कोई केमिकल नहीं मिलाया जाता है। ये स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी होती है।
वाइट टी ------ इस टी को कम प्रोस्सेड करते है। स्वाद में ये हलकी मीठी होती है। इस टी में कम कैफीन और ज्यादा एन्टीऑक्ससिडेंट होते है।
ब्लैक टी ------- इससे बिना दूध और चीनी के पिया जाता है। ये टी बहुत ही फायदेमंद होती है।
लेमन टी ------ इसे नींबू के रस के साथ पिया जाता है। इस तरह की चाय पीने से चाय के जो एन्टीऑक्ससिडेंट शरीर को नहीं मिल पाते है वो नीबू की रस के साथ शरीर को मिल जाते है।
इंस्टेंट टी ----- ये टी टी बैग्स में मिलती है। टी बैग्स को गर्म पानी में डाल कर तुरंत तैयार कर लिया जाता है ये टी बहुत फायदेमंद है। टी बैग्स में टैनिक एसिड होता है जो नेचुरल एस्ट्रिजेंट होता है। इसके एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण इसे कॉस्मेटिक इस्तेमाल में भी करते है।
चाय से होने वाले नुकसान ---- चाय सेहत के लिए अच्छी होती है यदि इसका इस्तेमाल सही तरह से किया जाये। चाय को एक दिन में तीन कप से ज्यादा लेना नुकसानकारक होता है।
ज्यादा चाय पीने से ज्यादा यूरिन आता है जिसके कारण शरीर से कई तरह के मिनरल्स निकल जाते है जैसे कैल्शियम ,पोटेशियम आदि।
ज्यादा चाय का सेवन किडनी में स्टोन का भी कारण हो सकता है।
चाय बनाने के बाद उसका सेवन तुरंत कर लेना चाहिए नहीं तो पाचनतंत्र ख़राब हो सकता है।
ज्यादा चाय का सेवन शरीर में आयरन ऑब्जर्व करने के क्षमता को कम कर देता है।
ज्यादा चाय पीने से दांत पीले और बदरंग हो जाते है।
ज्यादा चाय पीने से दिल की बीमारी , मोटापा , अनिंद्रा जैसी बीमारी हो सकती है।
ज्यादा चाय ब्रेन की पावर कम कर देती है।
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