Friday, May 15, 2020

कठिन समय का तूफान चला जायेगा ये वक्त खुद को मजबूत बनाने का है न की टूटने का है।

इन दिनों लॉक डाउन के कारण लोगों का  समय घर में रहने में बीत रहा है। लोगों की दिनचर्या पहले जैसी नहीं रही है सब कुछ अस्तव्यस्त सा हो गया है। लोग ने अपनी दिनचर्या को  ज्यादा सोने ,ज्यादा खाने और घंटों टीवी और मोबइल में व्यस्त कर लिया है , जिसके कारण लोगों को कई स्वास्थ्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे मोटापा , मांसपेशियों का जाम होना , मधुमेह की समस्या , अनिद्रा यहाँ तक कुछ लोग अवसाद में जा रहे है।  हमें समझाना होगा कि ये वक़्त अभी सही नहीं चल रहा है और न ही हमारा इसपर कोई कण्ट्रोल है पर  इसका मतलब ये नहीं है कि हमें हार मान लेनी चाहिए। हमे खुद को संयमित रखना होगा इसमें ही समझदारी है।

Young positive thinking woman.


क्या करे खुद को संयमित करने के लिए ?


सकारत्मक रखे खुद को ---- खुद को सकारत्मक रखना भी बहुत बड़ी चुनौती होती है और हमें इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए। इसके लिए मन में अच्छे अच्छे विचार लाने होंगे जो बाते हम नकारत्मक बनती  है उनको दूर करना होगा जैसे  हर समय न्यूज़ से अपडेट रहने की ,
ये आदत अच्छी है परन्तु घर में रहने और खुद कुछ न कर पाने में ये आदत नकारत्मक भी बना रही है। इसके लिए  खाना खाते समय या सुबह उठते ही न्यूज़ न देखे बल्कि सुबह उठने के बाद थोड़ी देर खुली हवा में टहले ,योग और ध्यान का अभ्यास करे और  धीमा धीमा संगीत सुने इससे मन खुश रहेगा। जब मन खुश रहेगा तभी तो हम पॉजिटिव सोच सकते है। Positive thinking word and arrow signpost

गुड फील लेबल लगा ले ----  कुछ लेबल बनाये जिसमे प्रेरित करने और मन को खुश रखने वाले शब्द या वाक्य लिखे हो जैसे कीप स्माइलिंग , लव , हैप्पी ऑलवेज आदि और कुछ कार्टून और इमोजी का इस्तेमाल भी कर सकते है , इन लेबल को घर में वहाँ वहाँ  लगा दे जहाँ पर घर के सदस्यों की नज़र पड़ती हो जैसे शीशे पर , अलमारी पर , लैपटॉप , कंप्यूटर टेबल ,खाना खाने की टेबल या मोबाइल पर। negative thinking and posifitive life

बचे ऐसी बातों से जिसमे घर के सदस्यों के साथ मतभेद होता है ------ आजकल घर में सभी सदस्य एक साथ रहते है तो मुमकिन है लोगों में मतभेद होना। इसके लिए कोशिस करनी चाहिए कि सामने वाले की बात को ध्यान से सुना जाये यदि आपको कोई बात अच्छी नहीं लगती है तो विरोध करने में मीठे शब्दों का प्रयोग करे या उस समय आप किसी भी बात का ज़बाब न दे इससे मतभेद कम होगा।

गाना  और डांस का अभ्यास ----- मूड को अच्छा करने के लिए गाना  और डांस का सहारा लेना सबसे अच्छा विकल्प है। यदि गाना गाना न भी  आता हो तो कोई बात नहीं चलते म्यूजिक के साथ गुनगुना कर तो देखों मन में आनंद भर जायेगा। नाचना  आता हो तो क्या बस म्यूजिक के साथ थिरक ले।  म्यूजिक के साथ डांस करने से व्यायाम भी होगा और मन प्रफुलित होगा।  रोज इस अभ्यास के साथ आपके जीवन में सकारत्मकता आयेगी। 

दूसरों में कमियां न निकले ------ घर में कलह का कारण एक दूसरे में कमियाँ निकलना होता है। हमें ये समझना चाहिए दुनियाँ में कोई ही सौ प्रतिशत नहीं है कुछ न कुछ कमी सब में है और सबका काम करने का तरीका अलग अलग होता है और कभी भी कोई दूसरे के अनुसार काम नहीं करता है। सबके काम करने की कुशलता उसके अनुभव और आवश्यकता  के अनुसार होती है।
Man pulling the curtain up to a new colorful world.

दूसरों की मदद करे ------ खुद को खुश रखने का सबसे अच्छा उपाय दुसरो की मदद करना है। जब हम मन से किसी दूसरे की मदद करते है तो हमारे मन में संतोष की भावना आती है और हमारे मन से नकारत्मक विचार दूर हो जाते है। इससे हमें अपने जीवन की सरहाना और उसका मूल्य का समझ में आता है।

हँसते मुस्कारते रहो ----- लाइफ में जब कुछ भी अच्छा न हो रहा हो तो सब कुछ भगवान पर छोड़ दो और छोटी  बातों पर मुस्कारों।  इसके लिए जोक्स सुनों या पढ़ो , कुछ ऐसी लाइफ की घटना को  याद  करो जिससे आपके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाये। यदि ये भी न हो तो कभी ऐसे ही जोर जोर से खिलखिला दो। यकीन मानो इससे आपका मूड एकदम बदल जायेगा आप खुद को तरोताजा महसूस करोगे।

कुदरत के नज़रों का मजा ले ----- घर में भी रह कर आप कुदरत के नज़रों का मजा ले सकते हो जैसे सुबह जल्दी उठ कर उगते सूरज को निहारना   या शाम के समय डूबते सुरज को निहारना , घर के गमलों में लगे फूलों को देखना और उनकी देखभाल करना  , पशु पक्षियों को देखना और उनके खाना -पानी के व्यवस्था करना आदि। मौसम रोज रंग बदल रहा है इन सब के चित्रों को संग्रहित करना और अपने स्टेटस और सोशल मीडिया पर शेयर करने का मजा भी कुछ अलग है। इन आदतों से आपके अंदर सकारत्मक ऊर्जा का संचार  होगा
THINK POSITIVE, TALK POSITIVE, FEEL POSITIVE. Inspirational phrases on bright yellow background

खुद को सुधारे ----- माना ये वक्त  मुश्किल भरा है पर इस वक्त ने हमें ये भी इशारा दिया है की हम खुद को भी सुधारे। खुद को सुधारने से मतलब उन सब कामों में निपुणता हासिल करनी है जो हमारे लिए मुश्किल बने हुए थे जैसे यदि आपको ऑफिस में काम करते समय किसी सॉफ्टवेयर में काम करने में मुश्किल होती है तो उस सॉफ्टवेयर में निपुणता हासिल की जा सकती है। ऑनलाइन में ऐसे कई सॉफ्टवेयर और वीडियों है जो आपके काम करने के तरीकों को सुधर सकते है और आपको समय के साथ अपडेट भी करते है जो समय अभाव के कारण पहले मुश्किल था।

खुद पर भरोसा रखे ----- मुश्किल परिस्थितियों में भविष्य का चिंतन न करके आज का केवल केंद्रित करे।  खुद पर ये भरोसा करे चाहे परिस्थिति चाहे जो भी हो वो ज्यादा दिन तक नहीं रहती है जैसे रात कितनी भी लम्बी और काली हो सुबह उतनी ही रंगीन और सुहानी होती है। अच्छे दिनों को याद करे। हमने जो भी जितना भी पाया है उसका ईश्वर से धन्यवाद करे इससे आपको आनंद और शक्ति के साथ इस कठिन समय गुजरने की हिम्मत और हौसला मिलेगा जो आपकी राह को आसान बनायेगा।

Monday, May 11, 2020

गर्मियों में बालों की देखभाल करना अब है बहुत आसान। ये जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी।

गर्मियों में बालों की देखभाल करना अब है बहुत आसान। ये जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी।
 अकसर गर्मियों के मौसम में हमारे सिर के बालों में खुजली ,चिपचिपापन, बालों का दोमुँहे होना, बालों का सूखापन , बालों का बेजान होना, बालों का रंग बदलना  या बालों का गिरना आदि समस्या हो जाती है जिसका कारण तेज धूप , पसीना और सूखी हवा।  ज्यादा गर्मी के कारण पसीना आता है जिसके कारण त्वचा के रोमछिद्र बड़े है। बालों में अधिक पसीना आने से बालों में खुजली होने लगती है  और बालों की जड़े कमजोर  पड़ जाती है. तेज धूप के कारण बाल झुलस जाते है और दोमुंहे हो जाते है।   गर्मियों के मौसम में बालों को स्वस्थ रखना एक बहुत बड़ी चुनौती है। बालों को मजबूत और चमकदार बनाने के लिए हमें खानपान के साथ बालों के लिए कुछ उपाय भी करने पड़ते है। 
बालों को रोज धोना सही नहीं है। 
ज्यादा गर्मी के कारण  बालों में खुजली और रुसी और बालों का चिपचिपा होने की समस्या होती है और हमें महसूस होता है की बाल गंदे हो गए है। बालों को धोना सही है पर रोज नहीं। रोज धोने से बालों में जो नेचुरल आयल होता है वो ख़तम हो जाता है जिसके कारण बाल अपनी चमक खो देते है और रूखे और बेजान से हो जाते है। बालों के स्वास्थ्य के लिए एक दिन छोड़ कर बाल धोना चाहिए। 
बालों के लिए उचित शैम्पू और कंडीशनर का इस्तेमाल बालों में आएगी नई जान अगर लगाएंगी ...
बालों को धोने के लिए अच्छी किस्म के शैम्पू और कंडीशनर का इस्तेमाल करना उचित रहता है क्योकि ये  बालों की क्षति को पूरा करते है। सप्ताह में एक बार बालों में हेयर पैक लगाना चाहिए इसे बालों को मजबूती मिलती है। 
कंघी करना 
बालों में ज्यादा कंघी करने से बाल रूखे और बेजान हो जाते है और कमजोर हो कर टूट जाते है। गीले बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए इससे बाल कमजोर होते है। बालों को सुलझाने के  लिए अच्छी किस्म के फाइबर  ब्रश और कंघी का इस्तेमाल करना चाहिए। 
खानपान 
बालों की ऊपरी देखभाल के साथ बालों को स्वस्थ बनाने के लिए सही खानपान का ध्यान रखना भी जरुरी है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए की खाने में प्रोटीन , विटामिन की उचित मात्रा हो साथ ही खाने में ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिसमे आइरन , ओमेगा थ्री फैटी एसिड और विटामिन सी और ज़िंक प्रचुर मात्रा में हो। 
तेल मालिश अरंडी के तेल का बालों की कंडीशनिंग ...
बालों को मजबूती और चमक देने के लिए हफ्ते में दो बार तेल मालिश करनी चाहिए। मालिश के लिए तेल नारियल या आंवला का सबसे अच्छा होता है क्योकि ये सर को ठंडा भी रखते है। मालिश के अच्छे परिणाम के दो और तीन तेल मिलकर मालिश करे इससे बालों में सभी प्रकार के पोषक तत्वों की पूर्ति होगी। 
बालों को धूप से बचाये 
गर्मियों में बालों को धूप से बचाना जरूर चाहिए क्योकि तेज धूप से बालों की चमक ख़तम हो जाती है और बालों का रंग बदल जाता है। बाल रूखे और कड़े हो जाते है। यदि आपको घर से बाहर जाना ही है तो सर पर सूती कपडा या टोपी का इस्तेमाल करना चाहिए। 
केमिकल का इस्तेमाल 
बालों को सुंदर बनाने के लिए बाजार में कई प्रकार के केमिकल पदार्थ मिलते है जो बालों की प्राकृतिक चमक को कम कर बालों को बेजान बना देते है।  इन केमिकल की जगह घर के कुछ प्राकृतिक पैक और चीजों के इस्तेमाल से भी अच्छे परिणाम आते है। जैसे बालों को सेट करने के लिए जेल के जगह एलोवेरा जेल का इस्तेमाल भी अच्छा परिणाम देता है। 
हेयर ड्रायर या ब्लोर  का इस्तेमाल 
कभी कभी बालों में ड्रायर का इस्तेमाल इतना हानिकारक नहीं होता है जितना रोज करने से होता है। ज्यादा हेयर ड्रायर या ब्लोर  का इस्तेमाल बालों के लिए हानिकारक होता है इससे बालों का प्राकृतिक तेल जल जाता है और बालों की ऊपरी सतह पर नुकसान पहुँचता है जिसका नतीजा बालों का दोमुँहे रूखे और बेजान होना होता है। कोशिश करनी चाहिए बालों को प्राकृतिक  तरीके से ही सुखाया जाये यदि किसी विशेष अवसर पर बालों को सेट करना ही है तो रोलर्स से सेट करे नहीं तो ड्रायर का इस्तेमाल दूर से करे  और कोशिश करे की ड्रायर कोल्ड ब्लो वाला हो। 
बालों का कलर 
हम बालों को सुंदर दिखने के लिए बालों को कलर करते है ये कलर प्राकृतिक या केमिकल युक्त हो सकते है। बालों को कलर करने के लिए प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जैसे आँवला , मेहँदी आदि। यदि केमिकल युक्त कलर करना ही है तो अमोनिया फ्री कलर का इस्तेमाल करना चाहिए। 

बालों  के लिए  कुछ आसान से हेयर पैक जो  इन गर्मियों में आपके  बालों को सुंदर मुलायम और सिल्की बना देंगे  एक बार आप भी इन हेयर पैक को आजमा कर देखे। 

केला ---केले का हेयर पैक बालों के लिए बहुत अच्छा होता है। केले में पाये जाने वाले पोषक तत्व बालों को गर्मी के कारण बालों में खुजली और डैंड्रफ के समस्या से निजात दिलाते है और बालों को मुलायम ,घना और मजबूत बनाते है 

ऐसे बनाये केले का पैक ---- दो केलों को  मिक्सी में मैश कर ले फिर छन्नी में छान ले ताकि हमें एक स्मूथ पेस्ट मिल सके और रेशा बालों से अलग हो सके। केले के पेस्ट में एक अंडा ,एक चमच्च शहद और एक चम्मच नारियल या जैतून का तेल डाल कर अच्छी तरह मिला ले। बालों की जड़ों में अच्छी तरह लगा कर छोड़ दे। एक घंटे के बाद बालों को धो ले। 

दही ---- दही एक पौष्टिक पदार्थ है जितनी ये सेहत के लिए अच्छी है उतनी ही ये हमारे बालों की लिए अच्छी है। दही से बालों को पोषण मिलता है। इससे बाल मुलायम , डैंड्रफ फ्री, मजबूत , चमकदार और घने बनते है। Natural Home Remedies for Thinning Hair Treatment in Women and Men ...

ऐसे बनाये दही का पैक --- एक कटोरी दही को बालों में अच्छी तरह लगाए फिर आधे घंटे के बाद बालों को धो ले। 
दही में दो चमच्च मेहँदी डाल कर मिला ले इसमें एक चमच्च नारियल का तेल मिलाकर लगा ले आधे घंटे सूखने के बाद धो ले। 
दही में एक  अंडा मिलाकर बालों में लगाए फिर एक घंटे के बाद सिर धो ले। 

दूध ---- दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन बालों के लिए बहुत अच्छा है ये बालों को मुलायम , चमकीला और मजबूत बनता है। 

ऐसे बनाये दूध का पैक ----आधी कटोरी दूध में एक चमच्च नारियल का तेल और एक चमच्च शहद मिलाकर बालों में अच्छी तरह लगा ले आधी घंटे के बाद बालों को अच्छी तरह धो ले। 

चावल का पानी ------ चावल में पाया जाने वाला बी काम्प्लेक्स और विटामिन्स हमारे बालों के लिए बहुत अच्छे होते है। चावल का पानी हम दो प्रकार से ले सकते है एक चावल को भिगो कर जो पानी मिलता है दूसरा चावल को उबाल कर चावल की मांड। दोनों प्रकार का पानी उपयोगी है इससे बालों में मजबूती आती है तथा बालों की गंदगी पूरी तरह से साफ हो जाती है। 

ऐसे बनाये चावल का पैक ---- एक कटोरी चावल के पानी  में आँवला पाउडर , संतरे का छिलके का पाउडर को मिला कर बालों में लगाए सूखने के बाद बालों को धो दे। 

एलोवेरा ----- एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जो हमे लिए बहुत उपयोगी है। ये बालों को सुन्दर ,मजबूत और चमकदार बना सकता है।  एलोवेरा में 20 प्रकार के मिनरल्स ,12 प्रकार के विटामिन्स , और 18 प्रकार के एमिनों एसिड्स पाए जाते है। एलोवेरा जेल फंगस ,रुसी  और बालों के डेड सेल्स को दूर करता है। 

ऐसे लगाए एलोवेरा पैक ----- एक एलोवेरा की पत्ती ले कर उसका गुदा निकल कर पीस ले। इस जेल में को चाहे आप ऐसे ही बालों में लगा ले या इस जैल में नारियल का दूध मिला कर लगा ले। एलोवेरा जेल में अंडा मिलकर हेयर पैक बनाया जा सकता है। इसके लिए एक अंडे में एलोवेरा जेल की दो चमच्च अच्छी तरह मिलाकर लगा ले।






Friday, May 8, 2020

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Thursday, May 7, 2020

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घर की सफ़ाई करे इन ईकोफ्रैंडली तरीकों से,अपना घर बनाये कीटाणुरहित और चमचमाता

घर की सफ़ाई करे इन ईकोफ्रैंडली तरीकों से,अपना घर बनाये कीटाणुरहित और चमचमाता 

हम सभी अपने घर को साफ़ सुथरा और कीटाणुरहित बनाना चाहते है जिसके  लिए हम अनेकों तरह की चीजों का इस्तेमाल करते है। इनमे से कुछ प्राकर्तिक चीजे और कुछ केमिकल्स युक्त चीजे होती है। केमिकल्स युक्त चीजों से सफाई करने से हमें कई हानिकारक परिणामों को भी भुगतना पड़ता है। इन  केमिकल्स से  हमारी त्वचा पर कोई रेक्शन भी  हो सकता है साथ ही ये पर्यावरण को  हानि पहुँचा सकते है।

अकसर  बाजारों में बिकने  वाले सामान  बहुत हमारी जेब पर  भारी होते है। ये सोचना गलत है कि  कीटाणुरहित    सफाई  केवल महँगे केमिकल्स वाले प्रोडक्ट्स से होगी। कीटाणुरहित चमचमाती सफाई  सस्ती  और घर में आसानी से मिलने  वाली चीजों से भी हो सकती है। इन चीजों से कोई हानिकारक प्रभाव भी नहीं पड़ता है तथा ये जेब पर भारी भी नहीं होती है। आइये जानते है ऐसी ही कुछ घरेलू चीजे जिनसे  हम अपने घर को कीटाणुरहित और चमकदार रख सकते है।

बेकिंग सोडा 

रोजाना सुबह खाली पेट बेकिंग सोडा ... बेकिंग सोडे को हम अच्छी तरह जानते है इसका इस्तेमाल हम अनेकों चीजों में करते है।  इससे मीठा सोडा या खाने का सोडा भी कहा जाता है। इसको सोडियम बाइकार्बोनेट के नाम से भी जानते  है। ये एक ठोस क्रिस्टल होता है जिसको पीस कर पाउडर बना कर इस्तेमाल किया जाता है। छूने पर ये थोड़ा दरदरा सा होता है।
 बेकिंग सोडा  एक ऐसा प्रोडक्ट है हमारे शरीर, बाल और त्वचा के लिए हर तरह से फायदेमंद तो है ही साथ ही ये घर और बाहर की सफाई के लिए भी काम में आता है।इसकी सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि ये कभी खराब नहीं होता है पर इसे नमी से बचाना चाहिए क्योकि नमी के कारण ये खराब हो सकता है। ये बहुत अच्छा कीटाणुनाशक भी है। आईये जानते है बेकिंग सोडा के कुछ इस्तेमाल।
  • घर के कूड़े के डिब्बे से बदबू को दूर करने के लिए कूड़ा डालने से पहले बेकिंग सोडा के पाउडर को थोड़ा छिड़क दे। इससे कूड़े में से बदबू नहीं आती है। 
  • वॉशबेसिन या रसोई की सिंक में कूड़ा फॅसने से नाली रुक जाती है इस समस्या के लिए एक आधा कप बेकिंग सोडा  नाली पर डाल दे फिर थोड़ा पानी डाले नाली से कचरा साफ़ हो जायेगा। 
  • फ्रिज में अकसर खाने की महक हो जाती है इसके लिए एक छोटी कटोरी में बेकिंग सोडा डाल कर रख दे इससे फ्रिज की महक ख़त्म हो जाती है। 
  • हम अपने घर में माइक्रोवेव , ओवन , टोस्टर आदि का इस्तेमाल करते है। इन उपकरणों में एक महक आने लगती है और इन पर तेल और खाने के निशान आदि लग जाते है। इन उपकरणों की सफाई के लिए बेकिंग सोडा में नीबू का रस मिला कर साफ करे। इन उपकरणों से निशान भी साफ़ हो जायेगे साथ ही महक भी गायब हो जायेगी। 
  • किचन स्लैब पर निशान को साफ करने के लिए गुनगुने पानी में सोडा मिलाकर साफ करे इससे स्लैब पर लगी गंदगी ,चिकनाई और निशान साफ हो जायेगे। 
  • जले बर्तन पर लिक्विड सोप में सोडा मिलाकर बरतन पर लगा कर 6 -7 घंटे लगा कर छोड़ दे। इससे बरतन पर जमी गंदगी आसानी से निकल जायेगी। 
  • रसोई के इस्तेमाल में होने वाले कपड़ों को लिक्विड सोप के साथ सोडा मिलकर गर्म पानी में धोने से निशान तो साफ़ होंगे ही साथ ही कपडे कीटाणुरहित और चमकेंगे। 
  • टोस्टर ,ग्रिल आदि को साफ करने के लिए इन पर बेकिंग सोडा छिड़क दे फिर हलके गीले कपडे की मदद से साफ करे। 
  • घर में बिछे कारपेट में नमी के कारण बदबू आने लगती है। इसके लिए कारपेट पर बेकिंग सोडा छिड़क दे फिर वैक्यूम क्लीनर  या ब्रश की सहायता से साफ करे।  कारपेट से गंदगी और बदबू दोनों की ख़तम हो जायेगी। 
  • सब्जियों और फलों  को कीटाणुरहित और कीड़ों से मुक्त करने के लिए गर्म पानी में बेकिंग सोडा को डाल कर पानी में 10 -से 15 मिनट फल और सब्जियों को डुबो कर रखे। इन पर जो भी यूरिया ,केमिकल्स और कीटाणु होंगे वो साफ हो जायेगे।  

नमक

Salt Upay Can Make You Rich, It Will Protect You With Evil Eyes ...नमक का इस्तेमाल हम खाने में स्वाद के लिए इस्तेमाल करते है क्या आपको पता है कि नमक बहुत अच्छा कीटाणुनाशक और एक अच्छा क्लीनर भी है।

  • सब्जियों और फलों  को कीटाणुनाशक बनाने के लिए आप जो भी सब्जियाँ और फल आप  बाजार से लाते है उनकों एक बाल्टी पानी में दो चमच्च नमक डाल कर डुबो दे फिर साफ़ पानी से फल और सब्जियों को धो ले। सब्जियों पर जितने भी कीटाणु लगे है वो सब्जियों और फलों से निकल कर बाहर आ जायेगे और मर जायेंगे फल और  सब्जियाँ कीटाणुरहित हो जायेंगी साथ ही इनकी पोषकता पर कोई असर नहीं होगा। 
  • घर के खाना पकाने के उपकरण जैसे माइक्रोवेव , टोस्टर आदि पर गंदगी और चिकनाई लगी होती है जिसे साफ करना मुश्किल भरा काम होता है। इस काम को आसान बनाने के लिए नमक एक बहुत अच्छा क्लीनर है। नमक मिले गर्म पानी में मलमल या नरम सूती  साफ कपडा भिगो कर अच्छी तरह निचोड़ ले फिर इन उपकरणों को पोछे सारी गंदगी साफ़ हो जाएगी साथ ही इन उपकरणों पर जो भी कीटाणु होंगे वो भी मर जायेगे। 
  • यदि घर में पोछा लगते समय पानी में थोड़ा सा नमक मिला लिया जाये इससे फर्श कीटाणु रहित हो जायेगा साथ ही फर्श पर लगे निशान भी गायब हो जायेगे। 
  • घरों में अक्सर चीटियाँ बहुत तंग करती है। चीटियों की परेशानियाँ से मुक्ति पाने के लिए घर में जहाँ भी चीटियाँ नजर आती है या जहाँ भी उनके बिल है वहाँ पर नमक को छिड़क दे चीटियाँ गायब हो जायेगी। 
  • कांच के बर्तन न इस्तेमाल होने के कारण बिरंगे और चमकहीन हो जाते है या उन पर दाग़ धब्बे के निशान लग जाते है।  ऐसे ही निशान को साफ़ करने के लिए गर्म पानी में थोड़ा सा नमक घोल कर कांच के बर्तनों को डुबो दे फिर लिक्विड सोप से साफ़ करे। बर्तनों से निशान गायब हो जायेगे और उनमे नई सी चमक आ जायेगी। 

सिरका या विनेगर

Cleaning with Vinegar - 7 Tips - Bob Vilaसिरका या विनेगर का इस्तेमाल हम खाना पकाने , अचार , चटनी बनाने  के लिए इस्तेमाल करते है। सिरका एक बहुत अच्छा कीटनाशक और नोटॉक्सिस है। इसका इस्तेमाल हम घर की सफाई के लिए भी इस्तेमाल कर सकते है। ये बहुत ही सस्ता और अच्छा कीटाणुनाशक है।

  • कभी कभी हमारे घर के कमरे या घर में किसी कारण से गंध आने लगती है ऐसी ही गंध से छुटकारा पाने के लिए एक छोटी कटोरी में सिरके को कमरे में खुला रख दे आप देखेंगे की धीरे धीरे कमरे में से गंध ग़ायब होने लगी है। 
  • हमारे घरों में अक्सर लहसून, प्याज  या नॉनवेज पकता है जिससे हमारे हाथों में या जिन उपकरणों (चाकू , मिक्सर का जार आदि ) का इस्तेमाल हम करते है उन पर इनकी गंध रह जाती है ऐसी ही गंध को हटाने के लिए सिरके और पानी की बराबर मात्रा लेकर साफ कर गंध चली जायेगी। 
  • कभी कभी गलती से कपडे ,तौलिये  आदि गीले रह जाते है जिसके कारण इनमे गंध हो जाती है इस गंध को दूर करने के लिए कपड़ों को वाइट विनेगर वाले पानी में डुबो दे एक घंटे बाद इन्हे धो दे या वाशिंग मशीन में सर्फ़ के साथ विनेगर मिला दे गंध चली जायेगे और कपडे अच्छे साफ़ हो जायेगे। 
  • घर के वाशबेसिन या सिंक की नालियाँ कूड़ा करकट जमने से जाम हो जाती है। ऐसी नालियों को खोलने के लिए आधा कप सिरका और आधा कप वाइट विनेगर मिलकर नालियों में डाले और आधे घंटे के लिए छोड़ दे , नालियों में जमा कचरा गल कर निकल जायेगा और नालियाँ साफ़ हो जायेगी। 
  • कांच का फर्नीचर , कांच के खिड़कियों और उनके हैंडल , दरवाजे  और  दरवाजों के हैंडल को साफ और कीटाणुरहित बंनाने के  लिए पानी और वाइट विनेगर को बराबर मात्रा में मिळाले और नरम कपडे को इस मिश्रण में भिगों कर साफ करे। आप देखेंगे की निशान गायब हो गए है और एक प्रकार की चमक आ गयी है। 
  • फर्श पर पोछा लगाने के लिए यदि सिरके को पानी में मिलाकर पोछा लगाया जाये तो फर्श पर निशान साफ तो होंगे ही साथ ही फर्श कीटाणुरहित हो जायेगा। 
  • बाजारों में बिकने वाली फल और सब्जियों पर कई प्रकार के कीटनाशक , यूरिया आदि केमिकल लगे होते है इन कैमिकलों से हानिकारक प्रभाव हटाने के लिए सब्जियों और फलों को सिरके मिले पानी में 15 मिनट डुबो दे फिर साफ़ पानी से फल और सब्जियों को धो ले इससे फलों और सब्जियों पर लगे सारे हानिकारक पदार्थ हट जायेगे। 
  • घर में रखे डिब्बों से अक्सर रखे हुए सामान की गंध समा जाती है जिससे इसका इस्तेमाल दूसरी चीज के साथ नहीं कर पाते है ऐसे समस्या से मुक्त होने के लिए इन डिब्बों को विनेगर मिले पानी में कुछ देर रख दे गंध गायब हो जायेगी। 
  • घर में सजे ताजे फूलों को ज्यादा देर तक ताजा बनाना चाहते है तो फूलदान में एक चमच्च सिरका मिला दे फूल लम्बे समय तक ताजा रहेंगे। 
  • घर में लगे पौधों पर अक्सर कीड़े लग जाते है जिसके कारण पौधा अपना विकास नहीं कर पता है। पौधों पर लगे इन कीड़ों को हटाने के लिए वाइट विनेगर  को पानी की बराबर मात्रा में लेकर पौधों पर छिड़काव करे और थोड़ा सा पौधों की जड़ में डाल दे इससे पौधों के कीड़े मर जायेगे और पौधों फिर से अच्छी तरह विकास करेगा। 
  • बच्चे अक्सर रंगों और पेंसिल से दीवारों पर अपनी कलाकारी दिखाते है इससे दीवारे खराब हो जाती है। दीवारों से ऐसे पेंसिल और रंगों के निशान को हटाने के लिए विनेगर को पानी में मिलाकर नरम कपडे से दीवार को साफ करे निशान चले जायेगे। 

नीबू 

नींबू के फायदे और नुकसान – Lemon (Nimbu ...नीबू बहुत गुणी होता है। इसका इस्तेमाल हमारे घरों में नीबू का  कई चीजों में किया जाता है। नीबू जितनी हमारी सेहत के लिए अच्छा है उतनी ही अच्छी तरह ये साफ सफाई भी कर सकता है।

  • यदि नीबू की माइक्रोवे में 10 सेकंड तक गर्म करके फिर नीबू के टुकड़ों को नमक  उसके साथ यदि घर की कुंडियां ,दरवाजों और खिड़कियों के हैंडल्स को साफ करे तो ये चमक जायेगे साथ ही इनपर लगे हानिकारक कीटाणु और वाइरस भी समाप्त हो जायेगे। 
  • घर में अक्सर चांदी ,पीतल ,या कॉपर की चीजें  काली और बदरंग हो जाती है इन चीजों को चमकाने के लिए नीबू को दो भागों में काट कर फिर उस पर खाने वाला सोडा लग कर पीतल , चांदी और कॉपर पर रगड़े। इससे इनके निशान तो साफ होंगे साथ ही ये नई सी चमकेगी। 
  • कांच के सामान और खिड़कियों को साफ करने के लिए नीबू के रस को पानी में मिलकर स्प्रै करे फिर नरम कपडे से पोछ दे। इनपे लगे निशान गायब हो जायेगे और ये नए से चमकेंगे। 
  • यदि घर के फ्रिज में फलों और अन्य सामानों की महक हो गयी है तो नीबू के टुकड़ों को एक कटोरी में पानी में डुबो कर फ्रिज में रख दे महक गायब हो जायेगी। 
  • माइक्रोवेव को साफ करने के लिए नीबू की टुकड़ों को एक कटोरे पानी में डाल कर पांच मिनट तक माइक्रोवेव चला दे फिर साफ नरम कपडे से माइक्रोवेव को पोछे। माइक्रोवेव पर लगी सारी गंदगी साफ़ हो जायेगी। 
  • घर का सिंक यदि चिकनाई के कारण गन्दा हो गया है तो नीबू ,नमक और लिक्विड सोप का पेस्ट बनाकर सिंक पर लगाए और साफ करे चिकनाई साफ़ हो जायेगी और सिंक नया सा चमकने लगेगा।


















Wednesday, April 29, 2020

सहेली के सुझाव: उदास मन को मस्त कर देती है ये पाँच चीजें।

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सहेली के सुझाव: गर्मियों में ठंडक दिलाये ये ठंडे ठंडे पेय ,जो हर...: गर्मियों में ठंडक दिलाये  ये ठंडे ठंडे  पेय ,जो हर किसी को  है पसंद  गर्मियों के मौसम में जैसे ही तापमान 40 डिग्री के पार चला जाता है तो...

Tuesday, April 28, 2020

गर्मियों में ठंडक दिलाये ये ठंडे ठंडे पेय ,जो हर किसी को है पसंद

गर्मियों में ठंडक दिलाये  ये ठंडे ठंडे  पेय ,जो हर किसी को  है पसंद 


गर्मियों के मौसम में जैसे ही तापमान 40 डिग्री के पार चला जाता है तो लगता है मानो कुदरत आग बरसा रही है। सब कुछ गर्म गर्म सा महसूस होता है। ज्यादा गर्मी की कारण अनेकों  समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खूब पसीना आने के कारण शरीर  डीहाइड्रेट (पानी की कमी ) , हीट स्टॉक या लू लगने का खतरा हो सकता है ऐसे में  झुलसती गर्मी से  हम सभी को अपनी सेहत की चिंता सताने लगती है

गर्मी से खुद को ठंडा रखने के लिए  और  शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए हम  तरह तरह की उपाय करते है। हम तरह तरह के ठन्डे ठन्डे पेय पदार्थ जैसे शरबत ,लस्सी , जूस आदि का सहारा लेते है। ठंडे पेय पदार्थों  का सेवन करते समय  इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हम जो भी ठंडा पेय पदार्थ  का सेवन करे वो प्यास तो बुझाए साथ ही शरीर को हाइड्रेट करके शरीर का इम्यून सिस्टम को मजबूत करे ताकि हमारा शरीर गर्मी की बुरे प्रभाव से बच सके।

 हमारे आसपास कई ऐसे पेय पदार्थों के  विकल्प  है जो शरीर को हाइड्रेट करने के साथ अपनी औषधीय गुणों से शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करते है। ये पेय बाजार में मिलने वाले कृत्रिम पेय (जिनमे चीनी और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है ) से सस्ते और घर में  बहुत आसानी से, घरेलू सामग्री के साथ बन सकते है।  ये पेय पदार्थ  सुपाच्य , कम कैलोरी वाले और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले होते है।


Imli Aalu bukharay ka Sharbat Recipe | Masala TVइमली पना या इमली का शरबत 

 इमली का शरबत गर्मियों के मौसम में बहुत गुणकारी होता है। इसका रस गर्मी की हानिकारक प्रभाव से बचाता है साथ ही शरीर को अनकों फायदे पहुँचता है जैसे

  •  शरीर को लू के प्रभाव से बचाता है। 
  • गर्मियों के मौसम में अपच की समस्या  अधिक होती है।  इमली का शरबत पाचन क्रिया को दुरस्त रखता है साथ ही मुँह के स्वाद को अच्छा रखता है। 
  • गर्मियों के कारण भूख न लगना आम समस्या है। इमली के शरबत के सेवन से भूख खुलकर लगती है साथ ही ये पेट को ठंडक देता है।
  • गर्मी के कारण यूरिन इन्फेक्शन हो जाता है। इसके सेवन से यूरिन खुलकर आता है और ये इन्फेक्शन को कम करने में सहायक है। 

इमली का पना या शरबत बनाने की विधि 

  50 ग्राम इमली को एक कप पानी में कुछ घंटे भिगो कर रखे।  फिर इमली के गूदे को पांच कप पानी डाल कर अच्छी तरह मिला ले। फिर काली मिर्च , भुना जीरा , काला नमक,सदा नमक  चीनी या गुड़  और अजवाइन के दानों को मिक्सी में डाल कर पीस ले। इन पीसे मसालों को इमली के पानी में मिला ले और ठंडा कर के पिये। 



सत्तू का शरबत 

Health benefits of consuming sattu drink... - Dietitian Sabina's ...
सत्तू का सेवन अब केवल देहात तक ही सीमित नहीं बल्कि हमारे खानपान विशेषक इसे एक प्रकार का सुपर फ़ूड मानते है क्योकि सत्तू में   बड़ी मात्रा में प्रोटीन और ऊर्जा पाई जाती है  ये  गर्मी के मौसम में पेट को ठंडा रखती है। मधुमेह के रोगी इसका सेवन बेझिझक कर सकते है। सत्तू के पौष्टिक गुणों के कारण इसे  देसी हॉर्लिक्स  कहना गलत नहीं होगा।
  • सत्तू की सेवन से गर्मी में शरीर को लू  (हीट स्टोक )से रक्षा करता है।  ये शरीर को ठंडा रखता है। 
  • जो लोग अपना वजन कम करना चाहते है वो गर्मियों में सत्तू का सेवन करे इससे शरबत को पीने से बहुत देर तक भूख नहीं लगती है। 
  • गर्मी के मौसम में अक्सर अपचन की समस्या हो जाती है। सत्तू के शरबत के सेवन से लिवर और पाचन क्रिया मजबूत होती है जिससे खाना आसानी से पचने लगता है। 
  • ये शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। 
  • रक्तचाप की मरीजों के लिए सत्तू के शरबत का सेवन बहुत लाभकारी होता है। 

सत्तू का शरबत बनाने की विधि

 तीन बड़े चमच्च सत्तू के पाउडर और चार बड़े चमच्च गुड़ या चीनी को चार कप पानी में अच्छी तरह मिला ले और थोड़ा सा काला नमक मिला ले। सत्तू तैयार है इसे बर्फ के साथ ठंडा करके इसका सेवन करे। 



These People Should Not Consume Bel Juice - ये लोग नहीं ...


बेल का शरबत

 बेल हमारे लिए बहुत लाभकारी होता है। बेल में कई औषधीय गुण समाये हुए है। ये जड़ से लेकर फल तक लाभकारी होता है। बेल का फल जब पक जाता है तो  इसके फल का सेवन यू ही खा कर या कर इससे कई प्रकार के चीजें जैसे मुरब्बा , शरबत आदि बना सकते है। यदि बेल के साथ शहद का सेवन करे तो बेल के औषधीय गुण और बढ़ जाते है।
  • बेल पेट की गर्मी को शांत करता है साथ ही ये पाचन को दुरुस्त रखता है। 
  • ये शरीर को ठंडा रखता है तथा लू के  प्रकोप से बचाता है। 
  • अधिक फाइबर से भरपूर होने के कारण ये कब्ज को खत्म करता है। 
  • ये प्राकर्तिक रूप से मीठा होता है इसलिए इसके शरबत को बनाने के लिए चीनी की आवश्यकता नहीं होती है। मधुमेह  के रोगी इसका सीमित मात्रा में सेवन कर सकते है। 
  • एक गिलास बेल का शरबत पीने से दिन भर शरीर ऊर्जा से भरा रहता है। 

बेल का शरबत बनाने की विधि 

 एक मीडियम आकर के पके बेल को तोड़ कर गूदा निकल ले फिर गूदे में पानी मिलाकर लगभग एक घंटा फ्रिज में रख दे। एक घंटे बाद गूदे को अच्छे से मैश कर ले गुठली और रेशे को छन्नी की सहायता से अलग निकल ले अब इस छाने हुए रस में चीनी या गुड़ मिलाकर ठंडा करके इसका सेवन करे। 


Aam Ka Panna - Aam Ka Panna - Recipe Ingredients: Large... | Facebookआम पना या कच्चे आम का शरबत 

आम का पना गर्मी में कई प्रकार की बीमारी से बचाता है।गर्मियों में यदि इसका रोज सेवन किया जाये तो हमारा शरीर गर्मी के कुप्रभाव से बचा रह सकता है ये उन लोगों के लिए अमृत के समान है जो लोग कड़कती धूप में काम करते है।

  •   ये पेट को ठंडा रखता है। 
  • आम के पना में पोटेशियम , सोडियम जैसे मिनरल्स होते है जो शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करते है। 
  • इसमें विटामिन सी , फाइबर , और पेक्टिन होता है जो शरीर के बाद कोलेस्टॉल को कम करता है। 
  • आम पने में जीरा ,धनिया,काला नमक डाला जाता है जो हमारे पाचन को दुरुस्त रखते है तथा गैस और एसिडिटी की समस्या से निजात मिलता है। 
  • ये टीबी ,एनीमिया , और हैजा की बीमारी में एक तरह के टॉनिक के तरह काम करता है। 
  • इसमें विटामिन ए पाया जाता है जो हमारी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 

आम का पना बनाने की विधि 

300 ग्राम कच्चे आम को आग पर भून ले या उबाल ले फिर आम को छील ले और गुदा गुठली से अलग कर ले। इस गूदे में पुदीने की पत्तियाँ , काला नमक , काली मिर्च , थोड़ा सा हींग ,चीनी या गुड़ , भुना जीरे  को मिक्सी में डाल कर पीस ले और एक लीटर पानी में मिला कर ठंडा करके इसका सेवन करे। 

निम्बू पुदीने का मसालेदार शरबत Pudina ...

नीबू और पुदीने का शरबत

मिंट या पुदीने नीबू का शरबत गर्मियों में किसी रामबाण से कम नहीं।  नीबू पुदीने का शरबत  शरीर को ठंडा रखता है और प्यास को बुझाता है। नीबू में विटामिन सी शरीर को बिमारियों से बचाता है और लू (हीट स्टोक )से शरीर की रक्षा करता है।

  • नीबू शरीर से विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर करने का काम करता है। इससे गर्मी के कारण पेट की बिमारियों में फायदा पहुँचता है। 
  • गर्मी की कारण दस्त और उलटी की समस्या में ये शरबत बहुत फायदा करता है। 
  • पसीने के कारण शरीर में मिनरल्स की कमी हो जाती है ये शरबत शरीर में खोय मिनरल्स की कमी को पूरा करता है। 
  • पुदीने की पत्तियों में खूब सारा एन्टीऑक्ससिडेंट  होता है जो हमारे पाचन तंत्र को सही रखता है। 
  • पुदीने की पत्तियों की तेज महक और एन्टीऑक्ससिडेंट  तनाव को घटाकर रिलेक्स कर देता है। 
  • इसकी पत्तियों में पाया जाने वाले विटामिन सी ,डी ,इ ,कैल्शियम फास्फोरस शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते है। कफ और ख़ासी जैसी बीमारी से शरीर को दूर रखते है। 

नीबू पुदीने के शरबत बनाने के विधि 

मिक्सी में पुदीने की पत्तियाँ और चीनी को पीस ले। एक लीटर पानी में पीसे मिश्रण को मिलाये साथ ही थोड़ी सी काली मिर्च , काला नमक , सादा नमक , भुना जीरा पाउडर और दो नीबू का रस मिला ले ठंडा करके इसका आनंद ले।
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Sunday, April 12, 2020

सहेली के सुझाव: कुछ विशेष खाने की इच्छा भी आपको कुछ संकेत देती है।...

सहेली के सुझाव: कुछ विशेष खाने की इच्छा भी आपको कुछ संकेत देती है।...:   कुछ विशेष खाने की इच्छा भी आपको कुछ संकेत देती है।  हम अधिकतर  आपने खाने के स्वाद को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित रहते है। खाने को कभी ह...

कुछ विशेष खाने की इच्छा भी आपको कुछ संकेत देती है।

 कुछ विशेष खाने की इच्छा भी आपको कुछ संकेत देती है। 

क्या मीठा खाने से वजन बढ़ता है? - GyanAppहम अधिकतर  आपने खाने के स्वाद को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित रहते है। खाने को कभी हमें मीठा चाहिए कभी चटपटा। वैसे तो हम दिन में कई बार तरह तरह के स्वाद की चीजों का मजा तो लेते रहते है पर क्या आपको पता है जब हमारा किसी विशेष तरह के स्वाद वाले खाने की इच्छा होती है जैसे कभी अचानक हमारा मन कुछ मीठा खाने को करता है या कभी कुछ चटपटा , ये एक प्रकार का संकेत होता है जो हमारे शरीर में किसी विशेष प्रकार पोषक तत्व  की कमी या अधिकता को बतलाता है। आप भी जानिए की कुछ विशेष खाने की इच्छा क्या कहती है। 

मीठा खाने की इच्छा 

  • कभी कभी अचानक हमें कुछ मीठा खाने की इच्छा होने लगती है मीठा खाने की इस इच्छा का   मतलब है कि  आपके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम हो रही है और  शरीर ऊर्जा चाहता है।
  • खाने में ज्यादा नमक का सेवन करने से। 
  • ज्यादा कार्बोहायड्रेट की  चीजों का सेवन करना। 
  • पाचन क्रिया में खराबी। 
  • शरीर में पानी की कमी होना। 

 क्या करे ?

    बीमारियों से बचना चाहते हैं तो जरुरी ...
  • बहुत ज्यादा मात्रा में मीठे का सेवन न करे क्योंकि ज्यादा मात्रा में मीठा शरीर के लिए हानिकारक होता है।
  •  जब भी मीठा खाने की इच्छा हो तो फलों में शहद डाल कर खाने से शरीर को ऊर्जा तो मिलती है साथ ही मीठा खाने की इच्छा कम होगी। 
  • दांतों की अच्छे से सफाई करे। 
  • खूब पानी का सेवन करे। पानी पीने से पेट भरा भरा रहेगा और मीठा खाने की इच्छा पर लग़ाम लगेगा और पाचन तंत्र में सुधार होगा। स्वस्थ रहने के लिए टाईमटेबल के हिसाब ...
  • खाने में फाइबर की प्रचुर मात्रा ले। 

चॉकलेट खाने की इच्छा 

chocolate: Chocolate's dark but happy secret - The Economic Timesवैसे तो हम चॉकलेट का स्वाद बहुत पसंद करते है परन्तु यदि अचानक आपको चॉकलेट खाने की बहुत ज्यादा इच्छा हो तो इसका मतलब है कि 

  • आपके शरीर में मिनरल्स की कमी हो रही है। 
  • आपने जो भी खाना खाया है उससे आपके शरीर को पूरी ऊर्जा नहीं मिली है। 
  • अपने अपनी मर्जी से विपरीत खाने का सेवन किया है। 

क्या करे ?

  •  खाने में ऐसे भोज्य पदार्थ का सेवन करे जिसमे शरीर की आवशकता के अनुसार मिनरल्स और विटामिन हो।
  • यदि चॉकलेट खाना ही है तो डार्क चॉकलेट का सेवन करे क्योकि इसमें कोको की मात्रा ज्यादा होती है जो शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है।
  •  कम कोको वाली यानि मिल्क चॉकलेट केवल एक कैंडी की तरह होती है जिसमे ज्यादा चीनी की मात्रा होती है। जिससे ज्यादा कैलोरी शरीर को मिलती है जो शरीर के लिए हानिकारक है। 

प्रतिदिन इन चीजों का सेवन करने से ...

ठंडी ठंडी चीजों के खाने की इच्छा

  ठंडी ठंडी चीजें गर्मियों के मौसम में अच्छी लगती है परन्तु कभी कभी अचानक हमारे मन में ठंडी ठंडी चीजों के सेवन की ललक बढ़ जाती है ये इच्छा शरीर में आयरन की कमी की और संकेत करती है।

क्या करे ?

  •  जब भी आपका मन ठंडी ठंडी चीजों को खाने का करे तो अपने खाने में ऐसी चीजों का सेवन अधिक करे जिसमे आयरन की मात्रा अधिक हो। 
  • डॉक्टर से मिलकर अपने शरीर की जाँच करवाए यदि आयरन की कमी है तो आयरन के सप्लीमेंट्स का सेवन करे। 
  • हरे पत्तेदार सब्जियों  , साबुत अनाज ,दालें और रेड मीट का सेवन करे। 

जब खूब चटपटा खाने का मन करे 

जब भी कुछ चटपटा और गरमा गरम खाने का ...अकसर आपने लोगों को कहते सुना होगा ही की आज कुछ चटपटा खाने का मन है इसका मतलब ये है कि 
  • जब कभी हम ज्यादा तनाव में होते है  या रिश्ते कुछ अच्छे नहीं चल रहे होते है तो हम अपने मूड को अच्छा करने के लिए  कुछ चटपटा खाना चाहते है। 
  • यदि हमें कार्ब्स  जैसे बर्गर , पिज़्ज़ा या टिक्की आदि खाने की इच्छा है तो इसका मतलब शरीर में एमिनो एसिड ट्रिप्टोफेन की कमी है। 
  • कभी कभी मौसम में बदलाव के कारण भी हम कुछ चटपटा खाना चाहते है। 
  • लम्बी बीमारी के बाद भी जीभ का स्वाद बदलने के लिए भी चटपटा खाने की इच्छा होती है।  हरी पत्तेदार सब्ज‍ियां बिगाड़ सकती ...

क्या करे जब चटपटा खाने का मन हो ?

  • खाने में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों जैसे पनीर , अंडा , दालें , मीट , मछली आदि का सेवन ज्यादा करे। 
  • योग और ध्यान द्वारा तनाव को कम करने की कोशिश करे। 
  • ज्यादा मिर्च मसालों के प्रयोग से बचना चाहिए। 

मनपसंद खाने का सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि 

  • हम जो भी खाये वो ज्यादा मात्रा में न खाये। 
  • मनपसंद चीजों का सेवन एक या दो बार से अधिक न करे न ही इस तरह के खाने की अपनी आदत बनाये। 
  • मनपसंद चीजों के सेवन करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि उससे शरीर को कोई हानि तो नहीं हो रही है जैसे ज्यादा मीठा खाने से खून में शुगर की मात्रा बढ़ने से कई नुकसान हो सकते है। 
  • चटपटी चीजों में ज्यादा नमक होता है जिसे शरीर का रक्तचाप बढ़ सकता है। 
  • ज्यादा मिर्च मसालों से पाचनतंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है पेट में जलन आदि हो सकती है। 
  • बहुत ज्यादा ठंडी चीजे गले में टॉन्सिल जैसे परेशानियाँ उत्पन कर सकती है। 
  • ज्यादा कार्ब्स का सेवन करने से मोटापा , मधुमेह जैसी समस्या हो सकती है। 




Monday, April 6, 2020

वास्तु के अनुसार कहाँ, कौन सी और कैसी तस्वीर लगानी चाहिए।

वास्तु के अनुसार कहाँ, कौन सी  और कैसी तस्वीर लगानी चाहिए।
हम अनेकों तस्वीरों से अपना घर सजाते है पर कुछ तस्वीरें लगाने से हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है जिसके कारण हमारा जीवन खुशियों से भर जाता है। आप भी वास्तु के अनुसार अपने घर में ये तस्वीरें लगाए।
* बच्चों के कमरे में परिवार के संग हँसते हुए तस्वीर लगाने से बच्चों में परिवार के साथ मिलजुल कर रहने की प्रेरणा मिलती है। बच्चों में परिवार के प्रति  प्यार बढ़ता है।
*पति और पत्नी की प्रति प्यार बढ़ाने और अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए बैडरूम में राधा कृष्ण की तस्वीर लगानी चाहिए।
* घर में कभी भी युद्ध की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।
* जब भी गणेश जी की  तस्वीर दरवाजे पर लगाए तो दरवाजे के दूसरी और भी गणेश जी की बिलकुल वैसी ही तस्वीर पीठ से पीठ मिलाकर  लगाए।
* गणेश जी की मुख्य दरवाजे पर तभी तस्वीर लगाये जब मुख्य दरवाजा दक्षिण या उत्तर दिशा में हो।
* भगवान का कोई भी चित्र घर के बाथरूम की दीवार या उस दीवार पर नहीं लगाना चाहिए जिस पर बाथरूम  बना हो इससे मंगल दोष उत्पन होता है।
* घर के दक्षिण पश्चिम कोने में पति पत्नी की तस्वीर लगाने से उनमे प्यार बढ़ता है।
* घर में देवी देवताओं की तस्वीरों के साथ कभी भी मृतकों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए इससे देव दोष लगता है क्योकि देवी देवताओं का स्थान पितरों से ऊपर होता है।
* मृतकों की तस्वीर दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगानी चाहिए तथा मृतकों की तस्वीर को घर में हर जगह नहीं लगाना चाहिए।
*घर में कभी भी युद्ध की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। इससे घर में नकारत्मक ऊर्जा आती है।
* ड्राइंग रूम में हंस की बड़ी से तस्वीर लगाने से धन की प्राप्ति होती है।
* ड्राइंग रूम में कांटेदार पौधें , ताजमहल या रोते नंगे बच्चे की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।
*यदि पति पत्नी में प्यार ,पैसा और अच्छा भाग्य चाहिए तो बैडरूम में नाचते मोर की तस्वीर लगानी चाहिए।

Saturday, April 4, 2020

शरीर रहे स्वस्थ : हड्डियों के दर्द को हलके से न ले , ये समस्या आपके ...

शरीर रहे स्वस्थ : हड्डियों के दर्द को हलके से न ले , ये समस्या आपके ...: हड्डियों के दर्द को हलके से न ले , ये समस्या आपके लिए गंभीर हो सकती है।  हड्डियों में दर्द की समस्या पहले केवल  अधिक उम्र के लोगो को तो ह...

शरीर रहे स्वस्थ : डाइबिटीज बीमारी की जाँच से ही सही इलाज संभव है। जा...

शरीर रहे स्वस्थ : डाइबिटीज बीमारी की जाँच से ही सही इलाज संभव है। जा...: डाइबिटीज बीमारी की जाँच से ही सही इलाज संभव है। जाने क्यों होती है ये बीमारी और कौन से टेस्ट आवश्यक है।  आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में गलत ख...

सहेली के सुझाव: लम्बे समय तक जवां रहना है तो इन बातों पर दो ध्यान

सहेली के सुझाव: लम्बे समय तक जवां रहना है तो इन बातों पर दो ध्यान: लम्बे समय तक जवां रहना है तो इन बातों पर दो ध्यान   जिंदगी कब बचपन की मासूमियत से जवानी की अटखेलियों खेलती प्रौढ़ावस्था की और चली जाती है ...

लम्बे समय तक जवां रहना है तो इन बातों पर दो ध्यान

लम्बे समय तक जवां रहना है तो इन बातों पर दो ध्यान 

जिंदगी कब बचपन की मासूमियत से जवानी की अटखेलियों खेलती प्रौढ़ावस्था की और चली जाती है पता ही नहीं चलता। उम्र के हर पड़ाव पर जिस तरह जिंदगी करवटें बदलती है ,उसी तरह हमारी त्वचा भी अपना रूप और रंग बदलती रहती है।  जब  बढ़ती उम्र हमारे चेहरे पर चुगली से करती है तो ये दौर काफी बेचैनी भरा होता है क्योंकि हम सभी की इच्छा होती है हमारी त्वचा हमेशा जवां बनी रहे उम्र का उस पर कोई असर न दिखे। 
क्या कारण है लोगों का उम्रदराज दिखने का ---- कई शोधों से पता चला है कि हमारी बढ़ती उम्र के साथ हमारी कार्यक्षमता भी कम होने लगती है। जिसका कारण शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व माइलिन की कमी होना होता है। शरीर में माइलीन की कमी का कारण हमारे ख़राब जीवन शैली हो सकती है। यही से शुरू हो जाता है एजिंग से त्वचा की  प्रॉब्लब। 

क्या होती है एजिंग साइन के लक्षण ------ तीस की उम्र के बाद ही चेहरे पर एजिंग की चिन्ह नजर आने लगते है। जिसका कारण  सूरज की तेज धूप का प्रभाव भी हो सकता है।  सूरज की तेज धूप हमारी त्वचा को बहुत नुकसान पहुँचती है। जिससे त्वचा पर काले काले निशान या धब्बे नजर आते है। त्वचा पर सूरज की धूप  का कोई असर न हो इसके लिए हम कोई भी सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करने लगते है जिससे हमारी त्वचा को उतना फायदा नहीं पहुँचता है। Sunscreen : Choose Best Sunscreen according to your Skin - धूप ...

त्वचा की लिए सनस्क्रीन का चुनाव ------- त्वचा को धूप के कुप्रभाव से बचने के लिए सही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना जरुरी होता है। सनस्क्रीन लेते समय एसपीएफ के लेवल पर ध्यान देना चाहिए। एक शोध के अनुसार उम्र से पहले त्वचा पर झुर्रियाँ ,फाइन लाइन्स ,झाइयों का सबसे बड़ा कारण यूवी किरणे होता है ज्यादा  देर तक धूप में रहने से त्वचा में कालापन आ जाता है। इससे बचने के लिए हमें सन प्रोटेक्शन फैक्टर यानि एसपीएफ की सही जानकारी होना है। सूरज की किरणों और प्रदूषण से बचने के लिए एसपीएफ 15 से एसपीएफ 30 तक वाले सनस्क्रीन लोशन ज्यादा असरकारक होते है। जितना ज्यादा एसपीएफ का नंबर होता है उतना ही ज्यादा प्रभावशाली होता है। एक बार सनस्क्रीन लोशन के इस्तेमाल के बाद 4 से 5 घंटों तक आप पर धूप का 

Sunscreen : Harmful Content added in Sunscreen - रिसर्च के ...असर नहीं होता है। 
सबसे बड़ी बात ये है की एसपीएफ सिर्फ त्वचा की यूवीबी किरणों से त्वचा की रक्षा करता है ये यूवीए किरणों पर असरदार नहीं है। यूवीए किरणें त्वचा पर सबसे ज्यादा असर डालती है। यूवीए किरणें ही त्वचा पर सनबर्न और एजिंग के लिए जिम्मेदार होती है।






जाने  सही सनस्क्रीन  लोशन का लगाना ----- यदि सनस्क्रीन लोशन लगाने के बाद भी त्वचा काली काली और चिपचिपी सी लगती है ,इसका  मतलब सनस्क्रीन का चुनाव सही नहीं किया है। 
* नार्मल त्वचा से आयल नहीं निकलता है इसलिए ऐसी त्वचा वाले लोगों को क्रीम बेस्ड सनब्लॉक लगाना सही होता है। 
* जिनकी त्वचा पर मुँहासे आदि की समस्या हो यानि त्वचा तैलीय हो तो सनस्क्रीन लोशन ऑइलफ्री सही रहते है।  तैलीय त्वचा पर जेल या एक्वा बेस्ड एसपीफ फॉर्मुलेशन ऑइलफ्री सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल ही अच्छा है। 
* यदि आपकी त्वचा ड्राई रहती है तो मॉयस्चराइजर बेस्ड सनस्क्रीन लोशन इस्तेमाल करे यदि मॉयस्चराइजर बेस्ड लोशन न हो तो पहले चेहरे पर मॉयस्चराइजर लगाए फिर लोशन लगाए। 
* यदि त्वचा सेंसिटिव है तो हाइपोएलर्जेनिक लिक्विड वाली सनस्क्रीन लोशन इस्तेमाल करनी चाहिए। 
* यदि सनस्क्रीन लगाने के बाद ज्यादा पसीना आता है तो अपने सनस्क्रीन को लैक्टो कैलामाइन मिला ले। 

एंटी एजिंग डाइट  ----- उम्र को अगर पछाड़ना है तो सही डाइट भी जरुरी होती है। हमें रोज की खाने पीने में कुछ ऐसी चीजों का चुनाव करना चाहिए जो शरीर को कमजोर होने से बचाये। 
टमाटर और तरबूज का सेवन ----- टमाटर और तरबूज में लाइकोपेन होता है, जो फ्री रैडिकल्स को न्युट्रिलाइज करता है और त्वचा को कैंसर से बचाता है। 
प्याज और लहसुन शरीर का  कोलेस्टॉल को कम करता है साथ ही ये कई प्रकार की एजिंग प्रॉब्लम से शरीर को बचाता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत  करता है। ayurvedic tips: आयुर्वेद के अनुसार जानें ...
स्प्राउट्स और हरी सब्जियों को अपने आहार में शामिल में शामिल करना चाहिए।ब्रोकली  बंदगोभी और फूलगोभी में  सबसे ज्यादा एन्टीऑक्ससिडेंट होते है जो कैंसर से बचाव  करते है। 
चाय और डार्क चॉकलेट के एन्टीऑक्ससिडेंट शरीर को फिट रखते है। 
रोज कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए इससे त्वचा में नमी बनी रहती है। 
शहद , नीबू और ग्रीन टी के नियमित सेवन से शरीर में एक्स्ट्रा फैट जमा नहीं होता है। 
खाने में विटामिन सी का इस्तेमाल से त्वचा में चमक बनी रहती है। 
ड्राई फ्रूट्स और खट्टे फलों के सेवन से शरीर अनेकों बिमारियों से बचा रहता है साथ ही त्वचा की चमक बनी रही है। 

जीवन शैली में बदलाव ----
लम्बे समय तक जवां रहने के लिए स्वस्थ जीवन शैली भी अपनानी चाहिए। 
असंतुलित खानपान ----- जल्दी बुढ़ापा आने का सबसे बड़ा कारण गलत खानपान है। ज्यादातर शोधों से पता चला है जो लोग खाने में ज्यादा हरी सब्जियाँ और फलों का सेवन करते है वो जल्दी बीमार नहीं होते है और लम्बे समय तक जवां बने रहते है। ज्यादा मात्रा में फास्टफूड खाने वाले लोगों के शरीर को उतने पोषक तत्व नहीं मिल पाते है जितनी की उनकों आवश्यकता होती है। ज्यादा फैट वाले खाने से शरीर में फैट बढ़ जाता है जिसके कारण बॉडी का बैलेंस ख़तम हो जाता है। यदि आपको उम्र को हराना है तो खाने में पोषक तत्वों की मात्रा का ज्यादा इस्तेमाल करे।

व्यायाम की कमी ------- लम्बे समय तक फिट रहना भी एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए व्यायाम करना जरुरी है। नियमित व्यायाम करने से न सिर्फ शरीर से एक्स्ट्रा फैट हटता है बल्कि शरीर की मासपेशीयाँ भी मजबूत होती है और कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। इससे शरीर में रक्तसंचार सही रहता है। शरीर से हानिकारक पदार्थ पसीने के साथ निकल जाते है और चेहरे पर चमक आ जाती है। regular use of sunscreen can reduce the risk of skin cancer ...

अधूरी नींद ------ लोग व्यस्त जीवन शैली में पूरी नींद नहीं ले पाते है जिसके कारण शरीर में अनकों विकार हो जाते है,  आंखों के चारों और डार्क सर्कल्स हो जाते है और चेहरे की चमक खो जाती है।  अधूरी नींद से शरीर का पीएएच बैलेंस ख़राब हो जाता है और गंदे एंजाइम्स शरीर में ही रह जाते है। अधूरी नींद कई मानसिक बिमारियों का कारण है। 

Right Time to Drink Water Body Detox Weight Loss in Hindiतनाव ----- ज्यादा तनाव से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स बढ़ जाते है जिसके कारण चेहरे पर झुरियां पड़ जाती है। जितनी तनाव पूर्ण जिंदगी होगी उतनी ही जल्दी बुढ़ापे से मुलाकात होगी इसलिए जवान बने रहने के लिए खुश रहना जरुरी है। 

पानी की कमी ----- जो लोग प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन करते है उनकी त्वचा पर एक प्रकार की चमक बनी रहती है। एजिंग की समस्या को रोकने के लिए पानी बहुत सहायक है। पानी की कमी से त्वचा साँस लेना बंद कर देती है। इसके लिए अपनी की सही मात्रा का सेवन करना चाहिए। इसके लिए समय समय पर नीबू पानी , ग्रीन टी , शरबत ,कोकोनेट वाटर लेते रहना चाहिए।

फाइबर का सेवन ---- शरीर से हानिकारक पदाथों को निकलने के लिए फाइबर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। यदि शरीर से हानिकारक तत्व बाहर नहीं निकलेंगे तो शरीर में अनेकों बिमारियों हमला कर देगी। 
फाइबर शरीर में एक तरह से स्पंच का काम करते है ये शरीर के हानिकारक पदार्थों को सोख लेते है और मल द्वारा शरीर से इन हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर कर शरीर की सफाई करते है। खाने में फाइबर का सेवन  यानि फल और सब्जियों का इस्तेमाल , छिलके वाले अनाजों का प्रयोग करना है। फाइबर से भरपूर खाने में अच्छी मात्रा में एन्टीऑक्ससिडेंट होते है जो की एजिंग की प्रक्रिया को रोक देते है जो फ्री रेडिकल्स का कारण होते है। इसलिए हमारी डाइट भरपूर फाइबर वाली होनी चाहिए। 


Friday, April 3, 2020

शहद एक सुपर फ़ूड ही नहीं ये एक एक महत्वपूर्ण ओषधि भी है। कैसे ? आइये जानते है

शहद एक सुपर फ़ूड ही नहीं ये एक एक महत्वपूर्ण ओषधि भी है।  कैसे ? आइये जानते है
शहद जिसका स्वाद मीठा और सबको प्रिय है इसमें अनेकों आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य  गुणों का समावेश है। शहद का सबसे बड़ा गुण ये है कि ये कभी ख़राब नहीं होता है जिसका कारण शहद में नमी नहीं होती है जिसके कारण इसमें कोई भी जीवाणु पनप नहीं सकते है जिन्दा नहीं रह सकते है। शहद बनाने के लिए मधुमख्खियाँ  जो पराग कण चुनती है उनमे 60 से 80 प्रतिशत भाग जल का होता है जिसे शहद बनाते समय मधुमख्खियाँ सारी नमी को अवशोषित कर लेती है और जो हिस्सा बच जाता है वो शहद है। शहद में ग्लूकोज़ ,विटामिन्स खनिज और एमिनों अम्ल होते है। शहद में अनेकों गुणों के कारण ये प्राकृतिक  एंटीसेप्टिक भी है। शहद का रंग जितना गहरा होगा उतना ही ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होगा।Karakorum Islamic Shehed - Honey - 28 Photos - Food & Beverage ...
शहद के सेवन के फायदे ----- शहद को बहुत गुणकारी माना जाता है इसके अनेकों स्वास्थ्य लाभ है
* शहद हमारे खून की लिए अच्छा होता है ये हमारे शरीर की हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ता है इसलिए ये उन लोगों को फायदा पहुँचता है जो खून की कमी यानि एनीमिया की बीमारी से जूझ रहे है। गुनगुने पानी में शहद डालकर पीने से खून में लालरक्त कोशिकाएँ बढ़ती है।
*शहद शरीर को ऊर्जावान और और फुर्तीला बनाता है ये हमारे शरीर के सर्कुलेटरी और खून की केमेस्ट्री का संतुलन बनता है। ये हमारे शरीर में असन्तुलनों को कम करता है जो उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप का एक कारण होता है।
* कीमोथेरेपी में वाइट सेल्स कम हो जाती है कैंसर के मरीज यदि शहद की नियमित सेवन करे तो उनको वाइट  सेल्स की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।
* शहद चीनी जैसे नुकसानदायक नही होता है इसका कारण शहद के केमिकल तत्वों में भी सिम्पल शुगर होती है इसमें 30 प्रतिशत ग्लूकोज़ और40 प्रतिशत फ्रुक्टोज होता है इसमें एक स्टार्ची फाइबर डेक्सट्रिन होता है इनका मिश्रण शरीर में रक्त शकर्रा को संतुलित रखता है।
Know About The Benefits Of Consuming Milk And Honey Together ...* शहद में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते है ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है ये शरीर की हानिकारक सूक्षम जीवाणु से लड़ता है जिससे शरीर निरोग होता है। शहद बैक्टरिया से लड़ने के यानि एंटीसेप्टिक गुण होते है जो किसी भी जख्म को जल्द भरने में प्रभावकारी है। ये उन बैक्टीरिया को मारने में सक्षम है जिन पर किसी एंटीबॉयोटिक्स का असर नहीं होता है।
इसको रोज़ पीने से आप कर सकते हैं तेजी ...* शहद एक एनर्जी फ़ूड है शहद में अलग अलग शुगर कण होते है जो की ग्लूकोज़ और फैक्टोज है। इन्ही अलग अलग तरह की शर्करा के कारण ये शरीर में तुरंत ऊर्जा देता है। इसमें बहुत कम मात्रा में विटामिन और मिरनल होते है
* शहद एक प्रकार का प्रोबायोटिक है जो पाचनप्रणाली को अच्छा बनाते है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है तथा एलर्जी जैसे समस्या को दूर करता है।



Tuesday, March 31, 2020

शरीर रहे स्वस्थ : हमारे शरीर का सबसे बड़ा दुश्मन कब्ज़

शरीर रहे स्वस्थ : हमारे शरीर का सबसे बड़ा दुश्मन कब्ज़: कब्ज़ एक ऐसा दुश्मन जो आपके शरीर को बीमार कर देता है।  कब्ज़ की समस्या कई भयानक बीमारियों की जड़ है।  आधुनिक समय में ये बीमारी लोगों  में ब...

सहेली के सुझाव: चाय, हमारी दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा कितना ला...

सहेली के सुझाव: चाय, हमारी दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा कितना ला...: चाय, हमारी दिनचर्या का महत्वपूर्ण  हिस्सा कितना लाभकारी और कितना हानिकारक जानिए चाय के बारे में पूरी जानकारी  चाय पीना हमारी दिनचर्या का ...

चाय, हमारी दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा कितना लाभकारी और कितना हानिकारक जानिए चाय के बारे में पूरी जानकारी

चाय, हमारी दिनचर्या का महत्वपूर्ण  हिस्सा कितना लाभकारी और कितना हानिकारक जानिए चाय के बारे में पूरी जानकारी 

चाय पीना हमारी दिनचर्या का एक अहम् हिस्सा है।आपका मूड ख़राब है तो चाय आपका मूड अच्छा कर देती है। अधिकतर लोगों का दिन ही चाय के कप के साथ होता है।  दुनिया में आप चाहे कही भी चले जाओं चाय एक ऐसा पेय है हो हर जगह मिलता है और इसके बिना आपकी मेहमाननवाज़ी भी अधूरी सी है। जब चाय ही हमारे लिए इतनी खास है तो हम इसके बारे में कुछ रोचक जानकारियाँ बताते है। ज्यादा सप्लाई से 8 फीसदी तक सस्ती हुई ...

चाय का चलन ----- चाय  का चलन कब से हुआ इस बात का तो पता नहीं है परन्तु इसके पीछे एक कहानी लोगों की जुबान पर है। बात उन दिनों की थी जब चीन देश के राजा शैन नुंग के गर्म पानी के कप में कुछ पत्तियाँ उड़ कर कप में गिर गयी जिससे पानी का रंग बदल गया और गर्म पानी में से एक महक आने लगी। जब इस पानी को पिया गया तो इसका स्वाद राजा को बहुत पसंद आया इसके बाद ये पेय  चाय के नाम से पिया जाने लगा।  Darjeeling Tea Industry: बंद के एक साल बाद ...
भारत में चाय का उत्पादन ------ बात साल 1815 की है जब अंग्रेज यात्रियों का ध्यान असम में कुछ झाड़ियों पर गया जिसे वहाँ के लोग पेय बनाकर पीते थे। 1834 में भारत के गवर्नर जर्नल लॉर्ड  बैटिक ने ऐसे क्षेत्रों की खोज करवाई जहाँ चाय का उत्त्पादन हो सकता था। साल 1835 में चाय के बागान लगा कर उत्पादन शुरू किया गया और तब से हमारे देश में चाय का उत्पादन शुरू हुआ।  

चाय में पाए जाने वाले तत्व ----- चाय में कई प्रकार के तत्व पाए जाते है। 
कैफीन ---- चाय में पाया जाने वाला तत्व कैफीन शरीर में चुस्ती फुर्ती लाता है परन्तु ये ही तत्व चाय की लत को लगता है। जिन लोगों को इसकी लत लग जाती है यदि उनको चाय न मिले तो उनको सिरदर्द और कमजोरी महसूस होती है।
टेनिन ----- टेनिन के कारण ही हम चाय पीकर ताजगी का अनुभव करते है लेकिन यदि कुछ समय के बाद चाय न मिले तो हम थका थका सा महसूस करते है। टेनिन ही हमारे पाचनतंत्र पर बुरा असर डालता  है।
एमिनो एसिड्स ------ चाय में एल थिएनाइन एमिनो नाम का एसिड दिमाग को शांत और अलर्ट रखता है।
फ्लोराइड ----- चाय में पाया जाने वाला फ्लोरिड नाम का तत्व हड्डियों को कमजोर करता है यदि ज्यादा मात्रा में चाय का सेवन किया जाये। 
फायटोकेमिकल्स ---- ज्यादा चाय का सेवन करने पर इसी तत्व से नींद न आने की बीमारी हो जाती है।
आक्सलेट्स ---- ये तत्व यदि ज्यादा हो जाये यानि ज्यादा चाय का सेवन किया जाये तो स्टोन की परेशानी हो सकती है। 8 side effects of green tea - ग्रीन टी पीना भी ...
चाय के फायदे ----- चाय पीने के अनेकों फायदे है ये कैफीन और टेनिन से भरपूर होते है जिससे चुस्ती फुर्ती का अहसास होता है।
चाय में जो एमिनो एसिड पाए जाते है वो दिमाग को शांत और अलर्ट रखता है।
चाय में पाया जाने वाला एंटीजेन नाम का तत्व एक तरह का एन्टीबैक्टीरयल होता है।
चाय के एन्टीऑक्ससिडेंट्स अनेकों बीमारियों से बचाते है और जल्दी बूढ़ा नहीं होने देते है।
चाय में पाया जानेवाला फ्लोरिड तत्व हड्डियों को मजबूत करता है और दांतों में जल्दी कीड़ा नहीं लगने देता है। Lemon tea reduces fat - चर्बी कम करती है नींबू ...
चाय की विषय में मजेदार बातें -------
* 15 दिसम्बर को इंटरनेशनल टी डे मनाया जाता है।
* चाय अफगानिस्तान और ईरान का राष्ट्रीय पेय है।
* चाय ही केवल एक ऐसा पेय है जो दुनिया में सबसे ज्यादा पिया जाता है।
* भारत में 1835 से चाय पीने की शुरुवात हुई।
* चाय ही एक ऐसा पेय है जो लोग ठंडा और गर्म दोनों ही तरह से लेते है।
* तुर्की में एक व्यक्ति हर रोज 15 कप चाय पी लेता है।
* ब्लैक टी की सबसे ज्यादा खपत भारत में है।
चाय की वैराइटी ----- चाय दो तरह की होती है सीटीसी या  प्रोसेस्ड टी और ग्रीन टी
सीटीसी टी ( काली चाय ) ----  इसको बहुत से ब्रांड्स बेचते है ये दानेदार होती है। ये वही चाय होती है जो हम लोग अपने घरों में पीते है। इसको बनाने के लिए बागान से पत्तियों को लाकर कर्ल किया जाता है फिर इनको सूखा कर दानों में बदल देते है इससे चाय की स्वाद में बदलाव आता है ये पहले से ज्यादा महकती है और स्वाद में  निखरती है। इसे दूध और चीनी के साथ पिया जाता है। कुछ लोग इसे बिना दूध और चीनी के पीते है जो बहुत ही फायदेमंद होती है।
अगर पीतें हैं हर्बल चाय तो उसे बनाते ...ग्रीन टी ----- इस चाय को प्रोसेस्ड नहीं किया जाता है। ग्रीन टी को कच्ची पत्तियों को सुखाकर बनती है। ग्रीन टी को सीधे ही पत्तियों को तोड़ कर बनाया जाता है इसलिए ग्रीन टी में काली टी से ज्यादा एन्टीऑक्ससिडेंट होते है।  इसे बिना दूध और चीनी के पीया जाता है।
हर्बल टी ---- जब ग्रीन टी में कुछ जड़ीबूटियां जैसे अश्वगंधा ,तुलसी , इलायची , दालचीनी आदि  मिला दिया जाता है है तो ये हर्बल टी बन जाती है। इस चाय का इस्तेमाल लोग आयुर्वेदिक इस्तेमाल जैसे सर्दी खांसी आदि के लिए करते है। इसे बिना दूध और चीनी के पीया जाता है।
अदरक-नींबू की चाय के 12 फायदे - Benefits Of ...ऑर्गेनिक टी ---- इस टी में किसी भी तरह का कोई केमिकल नहीं मिलाया जाता है। ये स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी होती है।
वाइट टी ------ इस टी को कम प्रोस्सेड करते है। स्वाद में ये हलकी मीठी होती है। इस टी में कम कैफीन और ज्यादा एन्टीऑक्ससिडेंट होते है।
If You Are Tea Lover Then Keep These Things In Mind - अगर आप ...ब्लैक टी ------- इससे बिना दूध और चीनी के पिया जाता है। ये टी बहुत ही फायदेमंद होती है।
लेमन टी ------ इसे नींबू के रस के साथ पिया जाता है। इस तरह की चाय पीने से चाय के जो  एन्टीऑक्ससिडेंट शरीर को नहीं मिल पाते है वो नीबू की रस के साथ शरीर को मिल जाते है।
Map: The Countries That Drink The Most Tea- Inext Liveइंस्टेंट टी ----- ये टी टी बैग्स में मिलती है। टी बैग्स को गर्म पानी में डाल कर तुरंत तैयार कर लिया जाता है ये टी बहुत फायदेमंद है।  टी बैग्स में टैनिक एसिड होता है जो नेचुरल एस्ट्रिजेंट होता है। इसके एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण इसे कॉस्मेटिक इस्तेमाल में भी करते है।
चाय से होने वाले नुकसान ---- चाय सेहत के लिए अच्छी होती है यदि इसका इस्तेमाल सही तरह से किया जाये। चाय को एक दिन में तीन कप से ज्यादा लेना नुकसानकारक होता है।
ज्यादा चाय पीने से ज्यादा यूरिन आता है जिसके कारण शरीर से कई तरह के मिनरल्स निकल जाते है जैसे कैल्शियम ,पोटेशियम आदि।
ज्यादा चाय का सेवन किडनी में स्टोन का भी कारण हो सकता है।
चाय बनाने के बाद उसका सेवन तुरंत कर लेना चाहिए नहीं तो पाचनतंत्र ख़राब हो सकता है।
ज्यादा चाय का सेवन शरीर में आयरन ऑब्जर्व करने के क्षमता को कम कर देता है।
ज्यादा  चाय पीने से दांत पीले और बदरंग हो जाते है।
ज्यादा चाय पीने से दिल की बीमारी , मोटापा , अनिंद्रा जैसी बीमारी हो सकती है।
ज्यादा चाय ब्रेन की पावर कम कर देती है।





Sunday, March 29, 2020

पंचामृत यानि चरणामृत के ये गुण क्या आपको पहले से पता थे ?

पंचामृत यानि चरणामृत के ये गुण क्या आपको पहले से पता थे ?

पंचामृत या चरणामृत ये वो प्रसाद होता हो जो मंदिर का पुजारी आपको मंदिर में भगवान के दर्शन के बाद एक जल के रूप में देता है। know about Panchamrit these five special symbols ये केवल एक  जल  नहीं होता है बल्कि ये  भगवान के चरणों में अर्पण  पाँच चीजों का मिश्रण होता है जो भगवन को अर्पण करने के बाद उनके भक्तों में वितरित कर दिया जाता है। चरणामृत का धार्मिक दृष्टि से तो बहुत लाभ है परन्तु हमारी सेहत पर भी ये आश्चर्यजनक रूप से प्रभाव डालता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार पंचामृत का सेवन करने से एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है जो हमारे हमारे अंदर सकारात्मक  भावना और सकारात्मक विचार उत्पन करती है। पंचामृत पांच प्रकार के अमृत यानि पांच ऐसे पदार्थो से मिलकर बना है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से हमें बहुत लाभ देते है।
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दूध ----- हमारे शास्त्रों में दूध को सबसे पवित्र माना गया है। इसकी पवित्रता के कारण देवताओं का स्नान भी दूध से होता है। जब हम संसार में शुद्धता की बात करते है तो दूध का नाम सबसे पहले आता है। पंचामृत में दूध वो भी  गाय के दूध का इस्तेमाल होता है। गाय का दूध सबसे अच्छा शुद्ध ,गुणकारी माना गया है। पंचामृत में दूध का इस्तेमाल करने का मतलब होता है कि हमारा जीवन भी दूध की तरह चमकता रहे उसपर कोई कलंक न हो।
How to Make Thick Curd or Dahi at Home Easy Tipsदही ----- पंचामृत में दूसरा अमृत यानि दही का इस्तेमाल होता है।  जैसे दही के बैक्टीरिया दूध को दही में बदल देता है वैसे ही हम अपने जीवन को निष्कलंक बनके सद्गुण अपनाये और दूसरों को भी अपने जैसा बना दे। दही का उपयोग हम सभी शुभ कार्यों में करते है। दही एक प्रकार का सुपरफूड माना गया है क्योकि दही में सभी पौष्टिक गुण होते है साथ ही खाने में हलकी यानि सुपाच्य होती है।  दही हमारे लिए एक अमृत के समान है।
Is Ghee Healthy and How to You Eat It? | Shapeघी ------ पंचामृत में इस्तेमाल होने वाला तीसरा अमृत यानि घी।  घी हमारे जीवन में प्रेम और समर्पण का प्रतीक है हमारे सम्पूर्ण जीवन प्रेम और समर्पण पर चलता है।  हमारे आयुर्वेद में घी को अमूल्य बताया गया है यदि घी गाय के दूध से बना हो तो बहुत ही उत्तम होता है। गाय के घी का दीपक हम देवताओं की पूजा के समय जलाते है। गाय के दूध से बना घी को ही शुद्ध माना गया है। गाय के दूध से बना घी कई स्वास्थ्य लाभ देता है इसके इस्तेमाल से हमारे आँखों की रौशनी बढ़ती है।  ये शरीर को बलवान  तो बनता ही है कई आयुर्वेद उपचार में भी इस्तेमाल होता है।
shhad-ke-sehat-wale - Grihshobhaशहद ----- पंचामृत में चौथा अमृत यानि शहद का इतेमाल होता है। शहद मीठा होने के साथ शक्ति प्रदान करता है। शहद का इस्तेमाल करने का मतलब हमे दुर्बल से शक्तिशाली होना है क्योकि दुर्बल हर कार्य में अयोग्य होता है। पूर्ण योग्यता प्राप्त करने के लिए शक्तिशाली होना जरुरी है।  शहद का सेवन हमारे देवताओं को भी बहुत प्रिये है। शहद का इस्तेमाल हमें अनेकों फायदे देता है। शहद एक ऐसा पदार्थ है जो कभी खराब नहीं होता है। शहद का इस्तेमाल कई बिमारियों को दूर करने ,सौन्दर्य लाभ और कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल होता है।
Shakkar vs chini(sugar) #sugar #health - YouTubeशक्कर ----- पंचामृत का पांचवा अमृत यानि शक़्कर का इस्तेमाल इसका मतलब होता है हमारे जीवन में मिठास हो। इससे हमारे स्वाभाव मीठा होता  है।  हमारी सेहत के लिए अच्छा माना गया है। ये शक़्कर गुड़ से बनती है। शक्कर की जगह देशी खांड या मिश्री जो की चीनी से ज्यादा गुणकारी मानी जाती है। का इस्तेमाल किया जाता है। मिठास को ख़ुशी ,उल्लास ,प्रेम और सद्धभावना का प्रतीक माना जाता है इन  बिना मिठास के हमारा जीवन अधूरा है।
किडनी के लिए रामबाण है तुलसी | News Track ...तुलसी ------ पंचामृत में एक और पदार्थ का इस्तेमाल होता है जिसके बिना देवता भी कोई वास्तु ग्रहण नहीं करते है वो है तुलसीदल यानि तुलसी की पत्तियाँ। पंचामृत में तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल इसको सुपरपॉवरफ़ुल बना देता है। तुलसी के अनेकों ऐसे गुण है जिसके कारण इसका इस्तेमाल पूजा से लेकर बिमारियों को दूर भागने के लिए किया जाता है। रोज तुलसी का इस्तेमाल हमें अनेकों बिमारियों और शारीरिक विकारों से दूर रखता है।
घर में रखा है गंगाजल तो जरुर ध्यान ...गंगाजल ----- पंचामृत बनाने के बाद उसमे गंगाजल डाला जाता है गंगाजल अपनी शुद्धता और पवित्रता को बनाये रखता है। गंगा जल में जड़ीबूटी और आयुर्वेदिक दोनों ही गुण होते है  जो इस बात का प्रतीक है व्यक्ति को प्रेम और करुणा का गुण होना चाहिए।

Saturday, March 28, 2020

सहेली के सुझाव: क्या आप जानते है कि दही को सुपर फ़ूड क्यों कहा जाता...

सहेली के सुझाव: क्या आप जानते है कि दही को सुपर फ़ूड क्यों कहा जाता...: क्या आप जानते है कि दही को सुपर फ़ूड क्यों कहा जाता है ? चाहे कोई भी खाना हो उसमे दही न हो तो कुछ अधूरा सा लगता है। दही बेहतर स्वास्थ्य और...

क्या आप जानते है कि दही को सुपर फ़ूड क्यों कहा जाता है ?

क्या आप जानते है कि दही को सुपर फ़ूड क्यों कहा जाता है ?

चाहे कोई भी खाना हो उसमे दही न हो तो कुछ अधूरा सा लगता है। दही बेहतर स्वास्थ्य और तंदुरस्ती के लिए जाना जाता है।  दही में ऐसे पोषक तत्व होते है जो हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य की रक्षा करते है। बदलते मौसम में हमें कुछ ऐसी चीजों की आवश्यकता होती है जो हमारे शरीर की बिमारियों से लड़ने में मदद करे यानि हमारा इम्यून सिस्टम को मजबूत करे। दही एक ऐसा सुपर फ़ूड है जो हमारे शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है जिससे हमारा शरीर वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से मुकाबला कर निरोग रहता है। हमारे शरीर की आंतों में  लगभग 400 प्रकार के अच्छे और बुरे  बैक्टीरिया पाए जाते है। दही में पाए जाने वाले अच्छे बैक्टीरिया कई तरह से हमारे लिए फायदेमंद होते है
Curd / Dahi/ Yogurt - Shrinathdham*   कार्बनिक अम्लों को ग्लूकोज़ में बदलने में मदद करते है।
*   कोलेस्ट्रॉल को कम करते है।
*   खाने की पोषक तत्वों को शरीर में पचाने में मदद करते है।
*   प्रोटीन ,एंजाइम और फाइबर के को तोड़ते है।
*   शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते है।
कैसे फ़ायदेमदं है दही ------ दही में प्रोबॉयोटिक्स  में शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की क्षमता होती है   जो शरीर की आंतों में मौजूद बैक्टीरिया और यीस्ट यानि बैड  बैक्टीरिया ,(जो शरीर में रोग का कारण होते है )उन को ख़त्म करके शरीर को रोग मुक्त बनता है। दही में पाया जाने वाला प्रोबॉयोटिक्स एलर्जी को रोकने की क्षमता रखते है। बच्चों और बुजुर्गों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है घर का बना ताजा दही इन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है , वायरल इन्फेक्शन से बचाव करता है। इसके लिए दही हमेशा ताजा और घर का बना होना चाहिए। दही जमाने का सबसे आसान तरीका Dahi Banane ki ...
दही क्यों सुपर फ़ूड है ----- अनेकों कारणों से दही को सुपर फ़ूड कहा जाता है।
* दही पेट को ठंडा रखती है.
* दही एक सम्पूर्ण फ़ूड है जो शरीर को प्रोटीन , कैल्शियम ,विटामिन बी 12 ,विटामिन बी 2 ,मैग्नीशियम ,पोटेशियम, फैट , आदि पोषक तत्व प्रदान करती है।
* दही आसानी से पच जाती है ये उन लोगों के लिए बहुत गुणकारी होती है जिन लोगों की पाचन क्षमता कमजोर है। Dahi vada - Picture of Food Centre Restaurant, Indore - Tripadvisor
* बदलते मौसम में दही शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है इसका कारण दही में लैक्टोबैसिलस नाम का बैक्टीरिया होता है जो शरीर में बिमारियों से लड़ने के  फाइटर की तरह काम करता है।
* दही कब्ज की समस्या दूर करता है।
* दही में फैट और कैलोरी कम होती है। इसमें मौजद कैल्शियम शरीर में कॉर्टिसॉल बनने से रोकता है जिसके कारण शरीर का वजन बढ़ता नहीं है और ये वजन कम करता है।  इसलिए ये शरीर का वजन घटाने के लिए बहुत अच्छा है।
* त्वचा के लिए दही बहुत अच्छा होता है। ये त्वचा को मॉइश्चराइज करता है। दही में पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड  त्वचा से डेड सेल्स उतारने का काम करता है और ये त्वचा के कालेपन को साफ़ करता है।
* हमारे आयुर्वेद में दही खाना अच्छा कहा गया है इसे सुबह की नाश्ते के समय लेना सबसे अच्छा कहा गया है पर अस्थमा के रोगी इसका सेवन रात में न करे।
* दही को ज़माने के लिए मिटटी का बर्तन सबसे अच्छा होता है इससे दही में पोषकता बढ़ जाती है। दही बिना चीनी और नमक के सेवन करना उत्तम रहता है।

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