सहेली की सुझाव एक ऐसी पत्रिका है जो आपकों नयी नयी जानकारी के साथ जिंदगी से जुड़े कुछ सुझाव और नए नए उपाए बतायेगी जो आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे तथा आपकी जिंदगी को आसान बनाने में आपकी मदद करेंगे। इस पत्रिका में मेरी ये कोशिश है कि आपको हमेशा ऐसी जानकारी और सुझाव मिले जो विश्वसनीय हो। नयी नयी जानकारियाँ जो आपको कुछ नया सिखाएगी। कुछ मशवरे जो आपकी जिंदगी को आसान कर देंगे।कुछ आपके मन की बात और कुछ वो बाते जो आप को पहले पता नहीं थी
Wednesday, April 29, 2020
सहेली के सुझाव: उदास मन को मस्त कर देती है ये पाँच चीजें।
सहेली के सुझाव: उदास मन को मस्त कर देती है ये पाँच चीजें।: उदास मन को मस्त कर देती है ये पाँच चीजें। कभी कभी हम काफी उदास सा फील करते है इसका कारण चाहे कोई भी हो पर उदास मन से हम कभी भी अच्छा क...
सहेली के सुझाव: गर्मियों में ठंडक दिलाये ये ठंडे ठंडे पेय ,जो हर...
सहेली के सुझाव: गर्मियों में ठंडक दिलाये ये ठंडे ठंडे पेय ,जो हर...: गर्मियों में ठंडक दिलाये ये ठंडे ठंडे पेय ,जो हर किसी को है पसंद गर्मियों के मौसम में जैसे ही तापमान 40 डिग्री के पार चला जाता है तो...
Tuesday, April 28, 2020
गर्मियों में ठंडक दिलाये ये ठंडे ठंडे पेय ,जो हर किसी को है पसंद
गर्मियों में ठंडक दिलाये ये ठंडे ठंडे पेय ,जो हर किसी को है पसंद
गर्मियों के मौसम में जैसे ही तापमान 40 डिग्री के पार चला जाता है तो लगता है मानो कुदरत आग बरसा रही है। सब कुछ गर्म गर्म सा महसूस होता है। ज्यादा गर्मी की कारण अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खूब पसीना आने के कारण शरीर डीहाइड्रेट (पानी की कमी ) , हीट स्टॉक या लू लगने का खतरा हो सकता है ऐसे में झुलसती गर्मी से हम सभी को अपनी सेहत की चिंता सताने लगती है
गर्मी से खुद को ठंडा रखने के लिए और शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए हम तरह तरह की उपाय करते है। हम तरह तरह के ठन्डे ठन्डे पेय पदार्थ जैसे शरबत ,लस्सी , जूस आदि का सहारा लेते है। ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हम जो भी ठंडा पेय पदार्थ का सेवन करे वो प्यास तो बुझाए साथ ही शरीर को हाइड्रेट करके शरीर का इम्यून सिस्टम को मजबूत करे ताकि हमारा शरीर गर्मी की बुरे प्रभाव से बच सके।
हमारे आसपास कई ऐसे पेय पदार्थों के विकल्प है जो शरीर को हाइड्रेट करने के साथ अपनी औषधीय गुणों से शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करते है। ये पेय बाजार में मिलने वाले कृत्रिम पेय (जिनमे चीनी और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है ) से सस्ते और घर में बहुत आसानी से, घरेलू सामग्री के साथ बन सकते है। ये पेय पदार्थ सुपाच्य , कम कैलोरी वाले और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले होते है।
इमली पना या इमली का शरबत
इमली का शरबत गर्मियों के मौसम में बहुत गुणकारी होता है। इसका रस गर्मी की हानिकारक प्रभाव से बचाता है साथ ही शरीर को अनकों फायदे पहुँचता है जैसे- शरीर को लू के प्रभाव से बचाता है।
- गर्मियों के मौसम में अपच की समस्या अधिक होती है। इमली का शरबत पाचन क्रिया को दुरस्त रखता है साथ ही मुँह के स्वाद को अच्छा रखता है।
- गर्मियों के कारण भूख न लगना आम समस्या है। इमली के शरबत के सेवन से भूख खुलकर लगती है साथ ही ये पेट को ठंडक देता है।
- गर्मी के कारण यूरिन इन्फेक्शन हो जाता है। इसके सेवन से यूरिन खुलकर आता है और ये इन्फेक्शन को कम करने में सहायक है।
इमली का पना या शरबत बनाने की विधि
50 ग्राम इमली को एक कप पानी में कुछ घंटे भिगो कर रखे। फिर इमली के गूदे को पांच कप पानी डाल कर अच्छी तरह मिला ले। फिर काली मिर्च , भुना जीरा , काला नमक,सदा नमक चीनी या गुड़ और अजवाइन के दानों को मिक्सी में डाल कर पीस ले। इन पीसे मसालों को इमली के पानी में मिला ले और ठंडा कर के पिये।
सत्तू का शरबत
सत्तू का सेवन अब केवल देहात तक ही सीमित नहीं बल्कि हमारे खानपान विशेषक इसे एक प्रकार का सुपर फ़ूड मानते है क्योकि सत्तू में बड़ी मात्रा में प्रोटीन और ऊर्जा पाई जाती है ये गर्मी के मौसम में पेट को ठंडा रखती है। मधुमेह के रोगी इसका सेवन बेझिझक कर सकते है। सत्तू के पौष्टिक गुणों के कारण इसे देसी हॉर्लिक्स कहना गलत नहीं होगा।- सत्तू की सेवन से गर्मी में शरीर को लू (हीट स्टोक )से रक्षा करता है। ये शरीर को ठंडा रखता है।
- जो लोग अपना वजन कम करना चाहते है वो गर्मियों में सत्तू का सेवन करे इससे शरबत को पीने से बहुत देर तक भूख नहीं लगती है।
- गर्मी के मौसम में अक्सर अपचन की समस्या हो जाती है। सत्तू के शरबत के सेवन से लिवर और पाचन क्रिया मजबूत होती है जिससे खाना आसानी से पचने लगता है।
- ये शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है।
- रक्तचाप की मरीजों के लिए सत्तू के शरबत का सेवन बहुत लाभकारी होता है।
सत्तू का शरबत बनाने की विधि
तीन बड़े चमच्च सत्तू के पाउडर और चार बड़े चमच्च गुड़ या चीनी को चार कप पानी में अच्छी तरह मिला ले और थोड़ा सा काला नमक मिला ले। सत्तू तैयार है इसे बर्फ के साथ ठंडा करके इसका सेवन करे।
बेल का शरबत
बेल हमारे लिए बहुत लाभकारी होता है। बेल में कई औषधीय गुण समाये हुए है। ये जड़ से लेकर फल तक लाभकारी होता है। बेल का फल जब पक जाता है तो इसके फल का सेवन यू ही खा कर या कर इससे कई प्रकार के चीजें जैसे मुरब्बा , शरबत आदि बना सकते है। यदि बेल के साथ शहद का सेवन करे तो बेल के औषधीय गुण और बढ़ जाते है।- बेल पेट की गर्मी को शांत करता है साथ ही ये पाचन को दुरुस्त रखता है।
- ये शरीर को ठंडा रखता है तथा लू के प्रकोप से बचाता है।
- अधिक फाइबर से भरपूर होने के कारण ये कब्ज को खत्म करता है।
- ये प्राकर्तिक रूप से मीठा होता है इसलिए इसके शरबत को बनाने के लिए चीनी की आवश्यकता नहीं होती है। मधुमेह के रोगी इसका सीमित मात्रा में सेवन कर सकते है।
- एक गिलास बेल का शरबत पीने से दिन भर शरीर ऊर्जा से भरा रहता है।
बेल का शरबत बनाने की विधि
एक मीडियम आकर के पके बेल को तोड़ कर गूदा निकल ले फिर गूदे में पानी मिलाकर लगभग एक घंटा फ्रिज में रख दे। एक घंटे बाद गूदे को अच्छे से मैश कर ले गुठली और रेशे को छन्नी की सहायता से अलग निकल ले अब इस छाने हुए रस में चीनी या गुड़ मिलाकर ठंडा करके इसका सेवन करे।
आम पना या कच्चे आम का शरबत
- ये पेट को ठंडा रखता है।
- आम के पना में पोटेशियम , सोडियम जैसे मिनरल्स होते है जो शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करते है।
- इसमें विटामिन सी , फाइबर , और पेक्टिन होता है जो शरीर के बाद कोलेस्टॉल को कम करता है।
- आम पने में जीरा ,धनिया,काला नमक डाला जाता है जो हमारे पाचन को दुरुस्त रखते है तथा गैस और एसिडिटी की समस्या से निजात मिलता है।
- ये टीबी ,एनीमिया , और हैजा की बीमारी में एक तरह के टॉनिक के तरह काम करता है।
- इसमें विटामिन ए पाया जाता है जो हमारी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
आम का पना बनाने की विधि
300 ग्राम कच्चे आम को आग पर भून ले या उबाल ले फिर आम को छील ले और गुदा गुठली से अलग कर ले। इस गूदे में पुदीने की पत्तियाँ , काला नमक , काली मिर्च , थोड़ा सा हींग ,चीनी या गुड़ , भुना जीरे को मिक्सी में डाल कर पीस ले और एक लीटर पानी में मिला कर ठंडा करके इसका सेवन करे।
नीबू और पुदीने का शरबत
मिंट या पुदीने नीबू का शरबत गर्मियों में किसी रामबाण से कम नहीं। नीबू पुदीने का शरबत शरीर को ठंडा रखता है और प्यास को बुझाता है। नीबू में विटामिन सी शरीर को बिमारियों से बचाता है और लू (हीट स्टोक )से शरीर की रक्षा करता है।
- नीबू शरीर से विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर करने का काम करता है। इससे गर्मी के कारण पेट की बिमारियों में फायदा पहुँचता है।
- गर्मी की कारण दस्त और उलटी की समस्या में ये शरबत बहुत फायदा करता है।
- पसीने के कारण शरीर में मिनरल्स की कमी हो जाती है ये शरबत शरीर में खोय मिनरल्स की कमी को पूरा करता है।
- पुदीने की पत्तियों में खूब सारा एन्टीऑक्ससिडेंट होता है जो हमारे पाचन तंत्र को सही रखता है।
- पुदीने की पत्तियों की तेज महक और एन्टीऑक्ससिडेंट तनाव को घटाकर रिलेक्स कर देता है।
- इसकी पत्तियों में पाया जाने वाले विटामिन सी ,डी ,इ ,कैल्शियम फास्फोरस शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते है। कफ और ख़ासी जैसी बीमारी से शरीर को दूर रखते है।
नीबू पुदीने के शरबत बनाने के विधि
मिक्सी में पुदीने की पत्तियाँ और चीनी को पीस ले। एक लीटर पानी में पीसे मिश्रण को मिलाये साथ ही थोड़ी सी काली मिर्च , काला नमक , सादा नमक , भुना जीरा पाउडर और दो नीबू का रस मिला ले ठंडा करके इसका आनंद ले।
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Sunday, April 12, 2020
सहेली के सुझाव: कुछ विशेष खाने की इच्छा भी आपको कुछ संकेत देती है।...
सहेली के सुझाव: कुछ विशेष खाने की इच्छा भी आपको कुछ संकेत देती है।...: कुछ विशेष खाने की इच्छा भी आपको कुछ संकेत देती है। हम अधिकतर आपने खाने के स्वाद को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित रहते है। खाने को कभी ह...
कुछ विशेष खाने की इच्छा भी आपको कुछ संकेत देती है।
कुछ विशेष खाने की इच्छा भी आपको कुछ संकेत देती है।
हम अधिकतर आपने खाने के स्वाद को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित रहते है। खाने को कभी हमें मीठा चाहिए कभी चटपटा। वैसे तो हम दिन में कई बार तरह तरह के स्वाद की चीजों का मजा तो लेते रहते है पर क्या आपको पता है जब हमारा किसी विशेष तरह के स्वाद वाले खाने की इच्छा होती है जैसे कभी अचानक हमारा मन कुछ मीठा खाने को करता है या कभी कुछ चटपटा , ये एक प्रकार का संकेत होता है जो हमारे शरीर में किसी विशेष प्रकार पोषक तत्व की कमी या अधिकता को बतलाता है। आप भी जानिए की कुछ विशेष खाने की इच्छा क्या कहती है।मीठा खाने की इच्छा
- कभी कभी अचानक हमें कुछ मीठा खाने की इच्छा होने लगती है मीठा खाने की इस इच्छा का मतलब है कि आपके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम हो रही है और शरीर ऊर्जा चाहता है।
- खाने में ज्यादा नमक का सेवन करने से।
- ज्यादा कार्बोहायड्रेट की चीजों का सेवन करना।
- पाचन क्रिया में खराबी।
- शरीर में पानी की कमी होना।
क्या करे ?
- बहुत ज्यादा मात्रा में मीठे का सेवन न करे क्योंकि ज्यादा मात्रा में मीठा शरीर के लिए हानिकारक होता है।
- जब भी मीठा खाने की इच्छा हो तो फलों में शहद डाल कर खाने से शरीर को ऊर्जा तो मिलती है साथ ही मीठा खाने की इच्छा कम होगी।
- दांतों की अच्छे से सफाई करे।
- खूब पानी का सेवन करे। पानी पीने से पेट भरा भरा रहेगा और मीठा खाने की इच्छा पर लग़ाम लगेगा और पाचन तंत्र में सुधार होगा।
- खाने में फाइबर की प्रचुर मात्रा ले।
चॉकलेट खाने की इच्छा
वैसे तो हम चॉकलेट का स्वाद बहुत पसंद करते है परन्तु यदि अचानक आपको चॉकलेट खाने की बहुत ज्यादा इच्छा हो तो इसका मतलब है कि
- आपके शरीर में मिनरल्स की कमी हो रही है।
- आपने जो भी खाना खाया है उससे आपके शरीर को पूरी ऊर्जा नहीं मिली है।
- अपने अपनी मर्जी से विपरीत खाने का सेवन किया है।
क्या करे ?
- खाने में ऐसे भोज्य पदार्थ का सेवन करे जिसमे शरीर की आवशकता के अनुसार मिनरल्स और विटामिन हो।
- यदि चॉकलेट खाना ही है तो डार्क चॉकलेट का सेवन करे क्योकि इसमें कोको की मात्रा ज्यादा होती है जो शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है।
- कम कोको वाली यानि मिल्क चॉकलेट केवल एक कैंडी की तरह होती है जिसमे ज्यादा चीनी की मात्रा होती है। जिससे ज्यादा कैलोरी शरीर को मिलती है जो शरीर के लिए हानिकारक है।
ठंडी ठंडी चीजों के खाने की इच्छा
ठंडी ठंडी चीजें गर्मियों के मौसम में अच्छी लगती है परन्तु कभी कभी अचानक हमारे मन में ठंडी ठंडी चीजों के सेवन की ललक बढ़ जाती है ये इच्छा शरीर में आयरन की कमी की और संकेत करती है।क्या करे ?
- जब भी आपका मन ठंडी ठंडी चीजों को खाने का करे तो अपने खाने में ऐसी चीजों का सेवन अधिक करे जिसमे आयरन की मात्रा अधिक हो।
- डॉक्टर से मिलकर अपने शरीर की जाँच करवाए यदि आयरन की कमी है तो आयरन के सप्लीमेंट्स का सेवन करे।
- हरे पत्तेदार सब्जियों , साबुत अनाज ,दालें और रेड मीट का सेवन करे।
जब खूब चटपटा खाने का मन करे
अकसर आपने लोगों को कहते सुना होगा ही की आज कुछ चटपटा खाने का मन है इसका मतलब ये है कि- जब कभी हम ज्यादा तनाव में होते है या रिश्ते कुछ अच्छे नहीं चल रहे होते है तो हम अपने मूड को अच्छा करने के लिए कुछ चटपटा खाना चाहते है।
- यदि हमें कार्ब्स जैसे बर्गर , पिज़्ज़ा या टिक्की आदि खाने की इच्छा है तो इसका मतलब शरीर में एमिनो एसिड ट्रिप्टोफेन की कमी है।
- कभी कभी मौसम में बदलाव के कारण भी हम कुछ चटपटा खाना चाहते है।
- लम्बी बीमारी के बाद भी जीभ का स्वाद बदलने के लिए भी चटपटा खाने की इच्छा होती है।
क्या करे जब चटपटा खाने का मन हो ?
- खाने में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों जैसे पनीर , अंडा , दालें , मीट , मछली आदि का सेवन ज्यादा करे।
- योग और ध्यान द्वारा तनाव को कम करने की कोशिश करे।
- ज्यादा मिर्च मसालों के प्रयोग से बचना चाहिए।
मनपसंद खाने का सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि
- हम जो भी खाये वो ज्यादा मात्रा में न खाये।
- मनपसंद चीजों का सेवन एक या दो बार से अधिक न करे न ही इस तरह के खाने की अपनी आदत बनाये।
- मनपसंद चीजों के सेवन करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि उससे शरीर को कोई हानि तो नहीं हो रही है जैसे ज्यादा मीठा खाने से खून में शुगर की मात्रा बढ़ने से कई नुकसान हो सकते है।
- चटपटी चीजों में ज्यादा नमक होता है जिसे शरीर का रक्तचाप बढ़ सकता है।
- ज्यादा मिर्च मसालों से पाचनतंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है पेट में जलन आदि हो सकती है।
- बहुत ज्यादा ठंडी चीजे गले में टॉन्सिल जैसे परेशानियाँ उत्पन कर सकती है।
- ज्यादा कार्ब्स का सेवन करने से मोटापा , मधुमेह जैसी समस्या हो सकती है।
Monday, April 6, 2020
वास्तु के अनुसार कहाँ, कौन सी और कैसी तस्वीर लगानी चाहिए।
वास्तु के अनुसार कहाँ, कौन सी और कैसी तस्वीर लगानी चाहिए।
हम अनेकों तस्वीरों से अपना घर सजाते है पर कुछ तस्वीरें लगाने से हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है जिसके कारण हमारा जीवन खुशियों से भर जाता है। आप भी वास्तु के अनुसार अपने घर में ये तस्वीरें लगाए।
* बच्चों के कमरे में परिवार के संग हँसते हुए तस्वीर लगाने से बच्चों में परिवार के साथ मिलजुल कर रहने की प्रेरणा मिलती है। बच्चों में परिवार के प्रति प्यार बढ़ता है।
*पति और पत्नी की प्रति प्यार बढ़ाने और अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए बैडरूम में राधा कृष्ण की तस्वीर लगानी चाहिए।
* घर में कभी भी युद्ध की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।
* जब भी गणेश जी की तस्वीर दरवाजे पर लगाए तो दरवाजे के दूसरी और भी गणेश जी की बिलकुल वैसी ही तस्वीर पीठ से पीठ मिलाकर लगाए।
* गणेश जी की मुख्य दरवाजे पर तभी तस्वीर लगाये जब मुख्य दरवाजा दक्षिण या उत्तर दिशा में हो।
* भगवान का कोई भी चित्र घर के बाथरूम की दीवार या उस दीवार पर नहीं लगाना चाहिए जिस पर बाथरूम बना हो इससे मंगल दोष उत्पन होता है।
* घर के दक्षिण पश्चिम कोने में पति पत्नी की तस्वीर लगाने से उनमे प्यार बढ़ता है।
* घर में देवी देवताओं की तस्वीरों के साथ कभी भी मृतकों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए इससे देव दोष लगता है क्योकि देवी देवताओं का स्थान पितरों से ऊपर होता है।
* मृतकों की तस्वीर दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगानी चाहिए तथा मृतकों की तस्वीर को घर में हर जगह नहीं लगाना चाहिए।
*घर में कभी भी युद्ध की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। इससे घर में नकारत्मक ऊर्जा आती है।
* ड्राइंग रूम में हंस की बड़ी से तस्वीर लगाने से धन की प्राप्ति होती है।
* ड्राइंग रूम में कांटेदार पौधें , ताजमहल या रोते नंगे बच्चे की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।
*यदि पति पत्नी में प्यार ,पैसा और अच्छा भाग्य चाहिए तो बैडरूम में नाचते मोर की तस्वीर लगानी चाहिए।
हम अनेकों तस्वीरों से अपना घर सजाते है पर कुछ तस्वीरें लगाने से हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है जिसके कारण हमारा जीवन खुशियों से भर जाता है। आप भी वास्तु के अनुसार अपने घर में ये तस्वीरें लगाए।
* बच्चों के कमरे में परिवार के संग हँसते हुए तस्वीर लगाने से बच्चों में परिवार के साथ मिलजुल कर रहने की प्रेरणा मिलती है। बच्चों में परिवार के प्रति प्यार बढ़ता है।
*पति और पत्नी की प्रति प्यार बढ़ाने और अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए बैडरूम में राधा कृष्ण की तस्वीर लगानी चाहिए।
* घर में कभी भी युद्ध की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।
* जब भी गणेश जी की तस्वीर दरवाजे पर लगाए तो दरवाजे के दूसरी और भी गणेश जी की बिलकुल वैसी ही तस्वीर पीठ से पीठ मिलाकर लगाए।
* गणेश जी की मुख्य दरवाजे पर तभी तस्वीर लगाये जब मुख्य दरवाजा दक्षिण या उत्तर दिशा में हो।
* भगवान का कोई भी चित्र घर के बाथरूम की दीवार या उस दीवार पर नहीं लगाना चाहिए जिस पर बाथरूम बना हो इससे मंगल दोष उत्पन होता है।
* घर के दक्षिण पश्चिम कोने में पति पत्नी की तस्वीर लगाने से उनमे प्यार बढ़ता है।
* घर में देवी देवताओं की तस्वीरों के साथ कभी भी मृतकों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए इससे देव दोष लगता है क्योकि देवी देवताओं का स्थान पितरों से ऊपर होता है।
* मृतकों की तस्वीर दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगानी चाहिए तथा मृतकों की तस्वीर को घर में हर जगह नहीं लगाना चाहिए।
*घर में कभी भी युद्ध की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। इससे घर में नकारत्मक ऊर्जा आती है।
* ड्राइंग रूम में हंस की बड़ी से तस्वीर लगाने से धन की प्राप्ति होती है।
* ड्राइंग रूम में कांटेदार पौधें , ताजमहल या रोते नंगे बच्चे की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।
*यदि पति पत्नी में प्यार ,पैसा और अच्छा भाग्य चाहिए तो बैडरूम में नाचते मोर की तस्वीर लगानी चाहिए।
Saturday, April 4, 2020
शरीर रहे स्वस्थ : हड्डियों के दर्द को हलके से न ले , ये समस्या आपके ...
शरीर रहे स्वस्थ : हड्डियों के दर्द को हलके से न ले , ये समस्या आपके ...: हड्डियों के दर्द को हलके से न ले , ये समस्या आपके लिए गंभीर हो सकती है। हड्डियों में दर्द की समस्या पहले केवल अधिक उम्र के लोगो को तो ह...
शरीर रहे स्वस्थ : डाइबिटीज बीमारी की जाँच से ही सही इलाज संभव है। जा...
शरीर रहे स्वस्थ : डाइबिटीज बीमारी की जाँच से ही सही इलाज संभव है। जा...: डाइबिटीज बीमारी की जाँच से ही सही इलाज संभव है। जाने क्यों होती है ये बीमारी और कौन से टेस्ट आवश्यक है। आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में गलत ख...
सहेली के सुझाव: लम्बे समय तक जवां रहना है तो इन बातों पर दो ध्यान
सहेली के सुझाव: लम्बे समय तक जवां रहना है तो इन बातों पर दो ध्यान: लम्बे समय तक जवां रहना है तो इन बातों पर दो ध्यान जिंदगी कब बचपन की मासूमियत से जवानी की अटखेलियों खेलती प्रौढ़ावस्था की और चली जाती है ...
लम्बे समय तक जवां रहना है तो इन बातों पर दो ध्यान
लम्बे समय तक जवां रहना है तो इन बातों पर दो ध्यान
जिंदगी कब बचपन की मासूमियत से जवानी की अटखेलियों खेलती प्रौढ़ावस्था की और चली जाती है पता ही नहीं चलता। उम्र के हर पड़ाव पर जिस तरह जिंदगी करवटें बदलती है ,उसी तरह हमारी त्वचा भी अपना रूप और रंग बदलती रहती है। जब बढ़ती उम्र हमारे चेहरे पर चुगली से करती है तो ये दौर काफी बेचैनी भरा होता है क्योंकि हम सभी की इच्छा होती है हमारी त्वचा हमेशा जवां बनी रहे उम्र का उस पर कोई असर न दिखे।क्या कारण है लोगों का उम्रदराज दिखने का ---- कई शोधों से पता चला है कि हमारी बढ़ती उम्र के साथ हमारी कार्यक्षमता भी कम होने लगती है। जिसका कारण शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व माइलिन की कमी होना होता है। शरीर में माइलीन की कमी का कारण हमारे ख़राब जीवन शैली हो सकती है। यही से शुरू हो जाता है एजिंग से त्वचा की प्रॉब्लब।
क्या होती है एजिंग साइन के लक्षण ------ तीस की उम्र के बाद ही चेहरे पर एजिंग की चिन्ह नजर आने लगते है। जिसका कारण सूरज की तेज धूप का प्रभाव भी हो सकता है। सूरज की तेज धूप हमारी त्वचा को बहुत नुकसान पहुँचती है। जिससे त्वचा पर काले काले निशान या धब्बे नजर आते है। त्वचा पर सूरज की धूप का कोई असर न हो इसके लिए हम कोई भी सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करने लगते है जिससे हमारी त्वचा को उतना फायदा नहीं पहुँचता है।
त्वचा की लिए सनस्क्रीन का चुनाव ------- त्वचा को धूप के कुप्रभाव से बचने के लिए सही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना जरुरी होता है। सनस्क्रीन लेते समय एसपीएफ के लेवल पर ध्यान देना चाहिए। एक शोध के अनुसार उम्र से पहले त्वचा पर झुर्रियाँ ,फाइन लाइन्स ,झाइयों का सबसे बड़ा कारण यूवी किरणे होता है ज्यादा देर तक धूप में रहने से त्वचा में कालापन आ जाता है। इससे बचने के लिए हमें सन प्रोटेक्शन फैक्टर यानि एसपीएफ की सही जानकारी होना है। सूरज की किरणों और प्रदूषण से बचने के लिए एसपीएफ 15 से एसपीएफ 30 तक वाले सनस्क्रीन लोशन ज्यादा असरकारक होते है। जितना ज्यादा एसपीएफ का नंबर होता है उतना ही ज्यादा प्रभावशाली होता है। एक बार सनस्क्रीन लोशन के इस्तेमाल के बाद 4 से 5 घंटों तक आप पर धूप का
असर नहीं होता है।
सबसे बड़ी बात ये है की एसपीएफ सिर्फ त्वचा की यूवीबी किरणों से त्वचा की रक्षा करता है ये यूवीए किरणों पर असरदार नहीं है। यूवीए किरणें त्वचा पर सबसे ज्यादा असर डालती है। यूवीए किरणें ही त्वचा पर सनबर्न और एजिंग के लिए जिम्मेदार होती है।
जाने सही सनस्क्रीन लोशन का लगाना ----- यदि सनस्क्रीन लोशन लगाने के बाद भी त्वचा काली काली और चिपचिपी सी लगती है ,इसका मतलब सनस्क्रीन का चुनाव सही नहीं किया है।
* नार्मल त्वचा से आयल नहीं निकलता है इसलिए ऐसी त्वचा वाले लोगों को क्रीम बेस्ड सनब्लॉक लगाना सही होता है।
* जिनकी त्वचा पर मुँहासे आदि की समस्या हो यानि त्वचा तैलीय हो तो सनस्क्रीन लोशन ऑइलफ्री सही रहते है। तैलीय त्वचा पर जेल या एक्वा बेस्ड एसपीफ फॉर्मुलेशन ऑइलफ्री सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल ही अच्छा है।
* यदि आपकी त्वचा ड्राई रहती है तो मॉयस्चराइजर बेस्ड सनस्क्रीन लोशन इस्तेमाल करे यदि मॉयस्चराइजर बेस्ड लोशन न हो तो पहले चेहरे पर मॉयस्चराइजर लगाए फिर लोशन लगाए।
* यदि त्वचा सेंसिटिव है तो हाइपोएलर्जेनिक लिक्विड वाली सनस्क्रीन लोशन इस्तेमाल करनी चाहिए।
* यदि सनस्क्रीन लगाने के बाद ज्यादा पसीना आता है तो अपने सनस्क्रीन को लैक्टो कैलामाइन मिला ले।
एंटी एजिंग डाइट ----- उम्र को अगर पछाड़ना है तो सही डाइट भी जरुरी होती है। हमें रोज की खाने पीने में कुछ ऐसी चीजों का चुनाव करना चाहिए जो शरीर को कमजोर होने से बचाये।
टमाटर और तरबूज का सेवन ----- टमाटर और तरबूज में लाइकोपेन होता है, जो फ्री रैडिकल्स को न्युट्रिलाइज करता है और त्वचा को कैंसर से बचाता है।
प्याज और लहसुन शरीर का कोलेस्टॉल को कम करता है साथ ही ये कई प्रकार की एजिंग प्रॉब्लम से शरीर को बचाता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
स्प्राउट्स और हरी सब्जियों को अपने आहार में शामिल में शामिल करना चाहिए।ब्रोकली बंदगोभी और फूलगोभी में सबसे ज्यादा एन्टीऑक्ससिडेंट होते है जो कैंसर से बचाव करते है।
चाय और डार्क चॉकलेट के एन्टीऑक्ससिडेंट शरीर को फिट रखते है।
रोज कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए इससे त्वचा में नमी बनी रहती है।
शहद , नीबू और ग्रीन टी के नियमित सेवन से शरीर में एक्स्ट्रा फैट जमा नहीं होता है।
खाने में विटामिन सी का इस्तेमाल से त्वचा में चमक बनी रहती है।
ड्राई फ्रूट्स और खट्टे फलों के सेवन से शरीर अनेकों बिमारियों से बचा रहता है साथ ही त्वचा की चमक बनी रही है।
जीवन शैली में बदलाव ----
लम्बे समय तक जवां रहने के लिए स्वस्थ जीवन शैली भी अपनानी चाहिए।
असंतुलित खानपान ----- जल्दी बुढ़ापा आने का सबसे बड़ा कारण गलत खानपान है। ज्यादातर शोधों से पता चला है जो लोग खाने में ज्यादा हरी सब्जियाँ और फलों का सेवन करते है वो जल्दी बीमार नहीं होते है और लम्बे समय तक जवां बने रहते है। ज्यादा मात्रा में फास्टफूड खाने वाले लोगों के शरीर को उतने पोषक तत्व नहीं मिल पाते है जितनी की उनकों आवश्यकता होती है। ज्यादा फैट वाले खाने से शरीर में फैट बढ़ जाता है जिसके कारण बॉडी का बैलेंस ख़तम हो जाता है। यदि आपको उम्र को हराना है तो खाने में पोषक तत्वों की मात्रा का ज्यादा इस्तेमाल करे।
व्यायाम की कमी ------- लम्बे समय तक फिट रहना भी एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए व्यायाम करना जरुरी है। नियमित व्यायाम करने से न सिर्फ शरीर से एक्स्ट्रा फैट हटता है बल्कि शरीर की मासपेशीयाँ भी मजबूत होती है और कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। इससे शरीर में रक्तसंचार सही रहता है। शरीर से हानिकारक पदार्थ पसीने के साथ निकल जाते है और चेहरे पर चमक आ जाती है।
अधूरी नींद ------ लोग व्यस्त जीवन शैली में पूरी नींद नहीं ले पाते है जिसके कारण शरीर में अनकों विकार हो जाते है, आंखों के चारों और डार्क सर्कल्स हो जाते है और चेहरे की चमक खो जाती है। अधूरी नींद से शरीर का पीएएच बैलेंस ख़राब हो जाता है और गंदे एंजाइम्स शरीर में ही रह जाते है। अधूरी नींद कई मानसिक बिमारियों का कारण है।
तनाव ----- ज्यादा तनाव से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स बढ़ जाते है जिसके कारण चेहरे पर झुरियां पड़ जाती है। जितनी तनाव पूर्ण जिंदगी होगी उतनी ही जल्दी बुढ़ापे से मुलाकात होगी इसलिए जवान बने रहने के लिए खुश रहना जरुरी है।
पानी की कमी ----- जो लोग प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन करते है उनकी त्वचा पर एक प्रकार की चमक बनी रहती है। एजिंग की समस्या को रोकने के लिए पानी बहुत सहायक है। पानी की कमी से त्वचा साँस लेना बंद कर देती है। इसके लिए अपनी की सही मात्रा का सेवन करना चाहिए। इसके लिए समय समय पर नीबू पानी , ग्रीन टी , शरबत ,कोकोनेट वाटर लेते रहना चाहिए।
फाइबर का सेवन ---- शरीर से हानिकारक पदाथों को निकलने के लिए फाइबर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। यदि शरीर से हानिकारक तत्व बाहर नहीं निकलेंगे तो शरीर में अनेकों बिमारियों हमला कर देगी।
फाइबर शरीर में एक तरह से स्पंच का काम करते है ये शरीर के हानिकारक पदार्थों को सोख लेते है और मल द्वारा शरीर से इन हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर कर शरीर की सफाई करते है। खाने में फाइबर का सेवन यानि फल और सब्जियों का इस्तेमाल , छिलके वाले अनाजों का प्रयोग करना है। फाइबर से भरपूर खाने में अच्छी मात्रा में एन्टीऑक्ससिडेंट होते है जो की एजिंग की प्रक्रिया को रोक देते है जो फ्री रेडिकल्स का कारण होते है। इसलिए हमारी डाइट भरपूर फाइबर वाली होनी चाहिए।
Friday, April 3, 2020
शहद एक सुपर फ़ूड ही नहीं ये एक एक महत्वपूर्ण ओषधि भी है। कैसे ? आइये जानते है
शहद एक सुपर फ़ूड ही नहीं ये एक एक महत्वपूर्ण ओषधि भी है। कैसे ? आइये जानते है
शहद जिसका स्वाद मीठा और सबको प्रिय है इसमें अनेकों आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य गुणों का समावेश है। शहद का सबसे बड़ा गुण ये है कि ये कभी ख़राब नहीं होता है जिसका कारण शहद में नमी नहीं होती है जिसके कारण इसमें कोई भी जीवाणु पनप नहीं सकते है जिन्दा नहीं रह सकते है। शहद बनाने के लिए मधुमख्खियाँ जो पराग कण चुनती है उनमे 60 से 80 प्रतिशत भाग जल का होता है जिसे शहद बनाते समय मधुमख्खियाँ सारी नमी को अवशोषित कर लेती है और जो हिस्सा बच जाता है वो शहद है। शहद में ग्लूकोज़ ,विटामिन्स खनिज और एमिनों अम्ल होते है। शहद में अनेकों गुणों के कारण ये प्राकृतिक एंटीसेप्टिक भी है। शहद का रंग जितना गहरा होगा उतना ही ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होगा।
शहद के सेवन के फायदे ----- शहद को बहुत गुणकारी माना जाता है इसके अनेकों स्वास्थ्य लाभ है
* शहद हमारे खून की लिए अच्छा होता है ये हमारे शरीर की हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ता है इसलिए ये उन लोगों को फायदा पहुँचता है जो खून की कमी यानि एनीमिया की बीमारी से जूझ रहे है। गुनगुने पानी में शहद डालकर पीने से खून में लालरक्त कोशिकाएँ बढ़ती है।
*शहद शरीर को ऊर्जावान और और फुर्तीला बनाता है ये हमारे शरीर के सर्कुलेटरी और खून की केमेस्ट्री का संतुलन बनता है। ये हमारे शरीर में असन्तुलनों को कम करता है जो उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप का एक कारण होता है।
* कीमोथेरेपी में वाइट सेल्स कम हो जाती है कैंसर के मरीज यदि शहद की नियमित सेवन करे तो उनको वाइट सेल्स की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।
* शहद चीनी जैसे नुकसानदायक नही होता है इसका कारण शहद के केमिकल तत्वों में भी सिम्पल शुगर होती है इसमें 30 प्रतिशत ग्लूकोज़ और40 प्रतिशत फ्रुक्टोज होता है इसमें एक स्टार्ची फाइबर डेक्सट्रिन होता है इनका मिश्रण शरीर में रक्त शकर्रा को संतुलित रखता है।
* शहद में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते है ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है ये शरीर की हानिकारक सूक्षम जीवाणु से लड़ता है जिससे शरीर निरोग होता है। शहद बैक्टरिया से लड़ने के यानि एंटीसेप्टिक गुण होते है जो किसी भी जख्म को जल्द भरने में प्रभावकारी है। ये उन बैक्टीरिया को मारने में सक्षम है जिन पर किसी एंटीबॉयोटिक्स का असर नहीं होता है।
* शहद एक एनर्जी फ़ूड है शहद में अलग अलग शुगर कण होते है जो की ग्लूकोज़ और फैक्टोज है। इन्ही अलग अलग तरह की शर्करा के कारण ये शरीर में तुरंत ऊर्जा देता है। इसमें बहुत कम मात्रा में विटामिन और मिरनल होते है
* शहद एक प्रकार का प्रोबायोटिक है जो पाचनप्रणाली को अच्छा बनाते है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है तथा एलर्जी जैसे समस्या को दूर करता है।
शहद जिसका स्वाद मीठा और सबको प्रिय है इसमें अनेकों आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य गुणों का समावेश है। शहद का सबसे बड़ा गुण ये है कि ये कभी ख़राब नहीं होता है जिसका कारण शहद में नमी नहीं होती है जिसके कारण इसमें कोई भी जीवाणु पनप नहीं सकते है जिन्दा नहीं रह सकते है। शहद बनाने के लिए मधुमख्खियाँ जो पराग कण चुनती है उनमे 60 से 80 प्रतिशत भाग जल का होता है जिसे शहद बनाते समय मधुमख्खियाँ सारी नमी को अवशोषित कर लेती है और जो हिस्सा बच जाता है वो शहद है। शहद में ग्लूकोज़ ,विटामिन्स खनिज और एमिनों अम्ल होते है। शहद में अनेकों गुणों के कारण ये प्राकृतिक एंटीसेप्टिक भी है। शहद का रंग जितना गहरा होगा उतना ही ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होगा।
शहद के सेवन के फायदे ----- शहद को बहुत गुणकारी माना जाता है इसके अनेकों स्वास्थ्य लाभ है
* शहद हमारे खून की लिए अच्छा होता है ये हमारे शरीर की हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ता है इसलिए ये उन लोगों को फायदा पहुँचता है जो खून की कमी यानि एनीमिया की बीमारी से जूझ रहे है। गुनगुने पानी में शहद डालकर पीने से खून में लालरक्त कोशिकाएँ बढ़ती है।
*शहद शरीर को ऊर्जावान और और फुर्तीला बनाता है ये हमारे शरीर के सर्कुलेटरी और खून की केमेस्ट्री का संतुलन बनता है। ये हमारे शरीर में असन्तुलनों को कम करता है जो उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप का एक कारण होता है।
* कीमोथेरेपी में वाइट सेल्स कम हो जाती है कैंसर के मरीज यदि शहद की नियमित सेवन करे तो उनको वाइट सेल्स की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।
* शहद चीनी जैसे नुकसानदायक नही होता है इसका कारण शहद के केमिकल तत्वों में भी सिम्पल शुगर होती है इसमें 30 प्रतिशत ग्लूकोज़ और40 प्रतिशत फ्रुक्टोज होता है इसमें एक स्टार्ची फाइबर डेक्सट्रिन होता है इनका मिश्रण शरीर में रक्त शकर्रा को संतुलित रखता है।
* शहद में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते है ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है ये शरीर की हानिकारक सूक्षम जीवाणु से लड़ता है जिससे शरीर निरोग होता है। शहद बैक्टरिया से लड़ने के यानि एंटीसेप्टिक गुण होते है जो किसी भी जख्म को जल्द भरने में प्रभावकारी है। ये उन बैक्टीरिया को मारने में सक्षम है जिन पर किसी एंटीबॉयोटिक्स का असर नहीं होता है।
* शहद एक एनर्जी फ़ूड है शहद में अलग अलग शुगर कण होते है जो की ग्लूकोज़ और फैक्टोज है। इन्ही अलग अलग तरह की शर्करा के कारण ये शरीर में तुरंत ऊर्जा देता है। इसमें बहुत कम मात्रा में विटामिन और मिरनल होते है
* शहद एक प्रकार का प्रोबायोटिक है जो पाचनप्रणाली को अच्छा बनाते है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है तथा एलर्जी जैसे समस्या को दूर करता है।
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